Thursday, April 25, 2024
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एक-तिहाई महिलाएं नहीं कराती हैं पैप स्मीयर Cancer की जांच: रिसर्च

एक तिहाई महिलाएं सरवाइकल कैंसर की जांच के दौरान यौन अंगों को दिखाने की शर्मिदगी से बचने के लिए इनसे बचती हैं।

IANS Edited by: IANS
Updated on: January 23, 2018 11:20 IST
cancer- India TV Hindi
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नई दिल्ली: एक तिहाई महिलाएं सरवाइकल कैंसर की जांच के दौरान यौन अंगों को दिखाने की शर्मिदगी से बचने के लिए इनसे बचती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनियाभर में कैंसर से मरने वाली महिलाओं में चौथा सबसे बड़ा कारण गर्भाशय ग्रीवा में होने वाला सर्वाइकल कैंसर है। 

सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए 'स्मीर परीक्षण' करना पड़ता है जिसमें नियमित रूप से पेणू का परीक्षण कर नमूना एकत्रित कर उसकी जांच की जाती है। 21 से 29 वर्ष की महिलाओं के लिए इस परीक्षण की सिफारिश की जाती है। प्रति तीन वर्ष में कराए जाने वाले इस परीक्षण से कैंसर के मामलों में 75 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है।

बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में कैंसर के खिलाफ काम करने वाली एक संस्था 'जो सर्वाइकल कैंसर ट्रस्ट' द्वारा कराए गए सर्वे के मुताबिक 35 प्रतिशत युवतियां स्मीर परीक्षण के दौरान यौन अंगों को डॉक्टर के सामने दिखाने से बचने के लिए इस परीक्षण से परहेज करती हैं।

संस्था ने 2017 महिलाओं पर सर्वे करके यह परिणाम निकाला। इस दौरान दो-तिहाई महिलाओं में इसके लिए जागरुकता की कमी पाई गई। संस्था के सदस्य रॉबर्ट म्यूजिक ने कहा कि जीवन रक्षक परीक्षण कराने के लिए किसी शर्म का अनुभव नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सहज महसूस कराने के लिए पेशेवर नर्से इस क्षेत्र में एक बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।

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