Friday, April 26, 2024
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सिर्फ 2 घंटे में इस विधि से होगा कैंसर का सफाया

एक प्रायोगिक तरीके के तहत कैंसर की कोशिकाओं को 95 फीसदी तक नष्ट करने में सफलता मिली है, जिससे उन ट्यूमर को भी नष्ट करने में सफलता मिलेगी, जहां तक पहुंचना काफी मुश्किल होता है। इससे खासतौर से कैंसर के शिकार बच्चों के इलाज में मदद मिलेगी।

India TV Lifestyle Desk India TV Lifestyle Desk
Updated on: June 30, 2016 19:28 IST
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हेल्थ डेस्क: एक प्रायोगिक तरीके के तहत कैंसर की कोशिकाओं को 95 फीसदी तक नष्ट करने में सफलता मिली है, जिससे उन ट्यूमर को भी नष्ट करने में सफलता मिलेगी, जहां तक पहुंचना काफी मुश्किल होता है। इससे खासतौर से कैंसर के शिकार बच्चों के इलाज में मदद मिलेगी।

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सेन एंटोनियो के टैक्सास विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर मैथ्यू डोविन ने इस नए पेंटेट किए गए तरीके को विकसित किया है, जिससे कैंसर कोशिकाओं को प्रभावी ढंग से नष्ट किया जा सकता है।

नए तरीके के तहत नाइट्रोबेंडाडेहाइडे नाम के रसायनिक यौगिक को ट्यूमर के अंदर डाला जाता है, जो कोशिकाओं पर अपना असर डालती है। इसके बाद उन कोशिकाओं पर तेज रोशनी डाली जाती है, जिस कारण कोशिकाएं अंदर से काफी अम्लीय बन जाती हैं और वास्तव में अपने आप को नष्ट कर लेती हैं।

डोबिन का अनुमान है कि इस तरीके से कैंसरग्रस्त 95 फीसदी कोशिकाएं दो घंटे के अंदर नष्ट हो जाती हैं।

यह शोध 'द जर्नल ऑफ क्लिनिकल ओंकोलॉजी' में प्रकाशित किया गया है।

डोबिन कहते हैं, "हालांकि कई तरह के कैंसर होते हैं, लेकिन उन सबमें एक चीज समान है कि इस इलाज से सभी तरह की कैंसर की कोशिकाएं आत्महत्या के लिए प्रेरित होती हैं।"

डोबिन ने इस तरीके को तीन गुणा नकारात्मक स्तन कैंसर पर आजमाया है, जो सबसे आक्रमक कैंसर में से एक माना जाता है और जिसका इलाज सबसे कठिन है।

लेकिन प्रयोगशाला में पहले ट्रीटमेंट के बाद ही चूहों पर किए गए प्रयोग में पाया गया कि उसके ट्यूमर को बढ़ने से रोका जा सकता है और उसके जिंदा रहने की संभावना भी दोगुनी बढ़ जाती है।

डोबिन को उम्मीद है कि वैसे किस्म के कैंसर में यह तरीका कारगर होगा, जिसमें ऐसी जगह पर ट्यूमर होता है जिसका इलाज करना सर्जनों के लिए काफी मुश्किल होता है, जैसे दिमाग की कोशिकाएं, महाधमनी या रीढ़ की हड्डी आदि।

इस तरीके से इलाज करने में न तो रेडिएशन का खतरा है और न ही दर्द होता है। इसलिए शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि यह तरीका कैंसर के शिकार बच्चों पर काफी कारगर साबित होगा।

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