Friday, April 26, 2024
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स्टैटिन रोक सकती है न्यूरोलॉजिकल डिऑर्डर: रिसर्च

दिल संबंधी रोगों के इलाज के अलावा कोलेस्ट्राल को कम करने वाली दवा स्टैटिन का इस्तेमाल न्यूरोडिजनरेटिव (तंत्रिका क्षय संबंधी) बीमारियों के विकास को रोकने में किया जा सकता है। 

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: February 18, 2019 6:30 IST
न्यूरोलॉजिकल डिऑर्डर- India TV Hindi
न्यूरोलॉजिकल डिऑर्डर

नई दिल्ली: दिल संबंधी रोगों के इलाज के अलावा कोलेस्ट्राल को कम करने वाली दवा स्टैटिन का इस्तेमाल न्यूरोडिजनरेटिव (तंत्रिका क्षय संबंधी) बीमारियों के विकास को रोकने में किया जा सकता है। क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन (क्यूएमयूएल) के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए शोध के अनुसार, मोटर न्यूरॉन डिजीज (एमएनडी) के विकास में उच्च कोलेस्ट्राल को संभावित जोखिम कारकों में पाया गया है। एमएनडी एक लाइलाज बीमारी है, जिसका असर दिमाग व नर्व पर पड़ता है और इसे एमयोट्रोफिक लैटरल स्क्लीरोसिस के नाम से भी जानते हैं।

इसके लक्षणों में कमजोरी, अस्पष्ट भाषण, भोजन निगलने में कठिनाई, मांसपेशियों में ऐंठन शामिल हैं। कुछ मामलों में लोगों ने अपनी सोच व व्यवहार में बदलाव महसूस किए हैं।

विश्वविद्यालय के अलास्टेयर नॉयस ने कहा, "हमने देखा है कि एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (खराब कोलेस्ट्रॉल) का उच्चस्तर बीमारी के अत्यधिक जोखिम कारक से जुड़ा है।"

नॉयस ने कहा, "हमारे पास अच्छी दवाएं हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकती हैं और हमें देखना चाहिए कि क्या वे इस भयावह बीमारी के खिलाफ रक्षा कर सकती हैं, जो वर्तमान में लाइलाज है।"

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