नई दिल्ली: होली में अगर रंग न खेले तो होली किस बात की। होली तो रंगों का त्योहार होता है। पहले जमाने की बात करें तो उस समय होली के रंग प्राकृतिक चीजों से बने होते थे। जोकि आपकी सेहत के साथ-साथ स्किन के लिए भी बेहतर थे। जिसके कभी कोई साइड इफेक्ट नही होता है। साथ ही यह हमारी स्किन के लिए फायदेमंद होते है।
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आज के समय की बात की जाए तो प्राकृतिक रंगो का तो कही नामो-निशान ही नहीं है, क्योंकि आज के समय में लोगों के पास इतना समय नहीं है कि वह लोग प्राकृतिक रंग बनाएं। उन्हें सबसे ठीक लगता है कि वह मार्केट से जाकर रंग ले लाए। जिसे लाने में ज्यादा समय भी नहीं लगता है।
क्या आप जानते है कि मार्केट में मिलने वाला रंग केमिकल चीजों से मिलकर बना होता है, जोकि हमारी सेहत और स्किन के लिए काफी खतरनाक साबित होता है। इससे इस्तेमाल से स्किन में रैशेज, चकत्ते होने के अलावा कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है। आज हम आपको अपनी खबर में बताएंगे कि इनके इस्तेमाल से आपको क्या-क्या खतरे हो सकते है।
इतना ही नहीं अगर गलती से रंग आपके मुंह और पेट में चला जाए तो इनमें मौजूद लेड और लेड ऑक्साइड आपकी किडनी को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए थोड़ा सावधान होकर होली का पर्व बनाएं।
त्वचा के लिए नुकसानदेय
यह केमिकल नाले रंग आपकी स्किन के लिए भी काफी नुकसानदेय हो सकती है। इसके इस्तेमाल से आपके शरीर में चकत्ते पड़ना, खुजली होना, एलर्जी से दाने निकलना और सूजन जैसी समस्याएं होने के साथ-साथ त्वचा का कैंसर भी हो सकता है।
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