Saturday, April 20, 2024
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अपोलो ने गोदरेज हिट संग डेंगू मरीजों के लिए उठाया यह कदम

अपोलो द्वारा एक ऑनलाइन सर्विस की शुरुआत की गई जिसके चलते अपोलो ने पहली बार गोदरेज हिट स्प्रे के साथ भागीदारी में मंगलवार को डेंगू के मरीजों के लिए भारत के पहले ऑनलाइन 'प्लेटलेट दाता समुदाय' की शुरुआत की..

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 12, 2017 15:34 IST
apollo- India TV Hindi
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नई दिल्ली: अपोलो हॉस्पिटल द्वारा डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक नया कदम उठाया गया है। देश भर में डेंगू ने अपना कहर बरसाया है ऐसे में आए दिन हमें इससे पीड़ित मरीज़ो की संख्या में इज़ाफा देखने को मिलता है या फिर प्लेटलेट की कमी से मरीज़ो के मरने की खबर भी सुनने को मिलती है। अपोलो ने टेक्नॉलोजी का सहारा लेते हुए डेंगू के मरीज़ो को राहत पंहुचाने का जिम्मा लिया है। अपोलो द्वारा एक ऑनलाइन सर्विस की शुरुआत की गई जिसके चलते अपोलो ने पहली बार गोदरेज हिट स्प्रे के साथ भागीदारी में मंगलवार को डेंगू के मरीजों के लिए भारत के पहले ऑनलाइन 'प्लेटलेट दाता समुदाय' की शुरुआत की। डेंगू का वायरस मरीज के शरीर से प्लेटलेट की संख्या को घटा देता है। यह बहुत छोटी रक्त कोशिकाएं होती है जो शरीर में रक्त बहने से रोकने के लिए उसका थक्का बनाने में मदद करती है। (गीले मोजे होते हैं बड़े काम के, जानें इसके लाजवाब फायदे)

देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए डेंगू एक बड़े खतरे के रूप में उभरा है। पिछले छह सालों में डेंगू के रिपोर्ट किए गए मामलों में चार गुणा बढ़ोतरी देखी गई है। साल 2010 में 28,292 डेंगू के मामले रिपोर्ट किए गए जो साल 2016 में बढ़कर 1,29,166 हो गए। साल 2016 में डेंगू के कारण कुल 245 मौतें हुईं।

अपोलो हॉस्पिटल समूह के संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने मीडिया को बताया, "यह देश के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, क्योंकि वायरल बीमारी जनता के लिए खतरनाक खतरे के रूप में उभरी है। इस पहल के माध्यम से, हम डेंगू को प्रबंधित करने के लिए तैयार संसाधन उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं।" गोदरेज उपभोक्ता उत्पाद (जीसीपीएल) के बिजनेस हेड (भारत और सार्क) सुदीमल कटारिया ने कहा, "भारत में डेंगू सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे के रूप में उभर कर सामने आया है, जबकि लोगों को पता है कि मच्छर के कारण ही डेंगू होता है। वे उपचारात्मक उपायों से अनजान हैं, खासकर प्लेटलेट्स के बारे में।"

अगर प्लेटलेट्स घटकर 20,000 से कम रह जाए तो मरीज के ब्लीडिंग और ब्रेन हैमरेज का खतरा हो जाता है, जिसके कारण उसकी मौत हो जाती है। इसलिए डेंगू के मरीजों की जान बचाने के लिए तेजी से प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है। (मानसून में फंगल इंफैक्शन कर सकता है आपको परेशान, ऐसे करें बचाव)

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