Friday, April 19, 2024
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आइंस्टीन की थ्योरी को चुनौती देने वाले महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का निधन, जानें उनकी उपलब्धियां

महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का आज पटना के पीएमसीएच में निधन हो गया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 14, 2019 12:54 IST
Mathematician Vashishtha Narayan Singh Died- India TV Hindi
Mathematician Vashishtha Narayan Singh Died

 नई दिल्ली। महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का आज पटना में निधन हो गया। उन्होंने पटना मेडिकल क़ॉलेज (पीएमसीएच) में अपनी अंतिम सांस ली। वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। वशिष्ठ नारायण सिंह को आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को चुनौती देने के लिए जाना जाता है। सिंह 1965 से 1974 के बीच अमेरिका में रहे और इस बीच उन्होंने नासा के लिए काम किया। वे आईआईटी कानपुर, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (मुंबई) और भारतीय सांख्यिकीय संस्थान (कोलकाता) में पढ़ा चुके थे।

उनके निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरा शोक व्यक्त किया है। बुधवार को अचानक उनकी तबियत ज्यादा खराब हो गई जिसके बाद परिजन उन्हें पटना के पीएमसीएच ले गये जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया उनके निधन की खबर से पूरा बिहार गमगीन है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्रद्धांजलि आर्पित की। महान गणितज्ञ के निधन पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस निधन से दुखी हैं। वह बेहद सम्मानित सज्जन थे। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर शोक जताया। मांझी ने कहा कि वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन से समाज को अपूरणीय क्षति पहुंची है।

जानिए कौन थे वशिष्ठ नारायण सिंह

वशिष्ठ नारायण सिंह का जन्म बिहार के आरा जिले के बसंतपुर गांव में हुआ था। उनके पिता एक किसान थे। वशिष्ठ नारायण सिंह ने गरीबी को बहुत करीब से देखा. लेकिन कुछ कर गुजरने की चेष्ठा के आगे गरीबी भी नतमस्तक हो गई। वशिष्ठ नारायण सिंह बचपन से ही होनहार छात्र थे। छठी क्लास में उन्होंने नेतरहाट में पहली बार स्कूल गये। उसके बाद पटना साइंस कॉलेज में बीएससी की पढ़ाई करने के लिए गये. पटना साइंस कॉलेज में पढ़ाई करने के दौरान उन पर कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉन कैली की नजर पड़ी जिसके बाद वो 1965 में पीएचडी करने अमेरिका चले गये।

आइंस्टीन के सिद्धांत को चुनौती

वशिष्ठ नारायण सिंह ने आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को भी चुनौती दिया था। उनके बारे में कहा यह भी जाता है कि नासा में अपोलो की लॉन्चिंग के समय अचानक से कम्प्यूटर 30 या 35 सेकेंड के लिए खराब हो गया था। जिसके बाद उन्होंने गणितिय कैलकुलेशन किया। जब कम्प्यूटर ठीक हुआ तो उनका और कम्प्यूटर का कैलकुलेशन एक जैसा था।

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