Friday, March 29, 2024
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यमुना एक्सप्रेस-वे पर 5 साल में 4,956 दुर्घटनाएं, 718 मौतें, पढ़ें क्या है वजह

यमुना एक्सप्रेस-वे पर अगस्त, 2012 से 31 मार्च, 2018 के बीच कुल 4,956 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 718 लोगों की मौत हुई और 7,671 लोगों को गंभीर चोटें आईं।

IANS Reported by: IANS
Published on: March 31, 2019 22:00 IST
Accident- India TV Hindi
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आगरा: यमुना एक्सप्रेस-वे पर अगस्त, 2012 से 31 मार्च, 2018 के बीच कुल 4,956 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 718 लोगों की मौत हुई और 7,671 लोगों को गंभीर चोटें आईं। सूचना का अधिकार (RTI) के तहत दी गई जानकारी से इस बात का खुलासा हुआ। यमुना एक्सप्रेस-वे पर वीभत्स सड़क हादसों की बढ़ती संख्या व्यापक चिंता का कारण बनी है, जिसने केंद्र व राज्य सरकारी एजेंसियों के प्रभावी हस्तक्षेप का आह्वान किया है।

आरटीआई कार्यकर्ता व सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता के.सी. जैन द्वारा मांगी गई जानकारी में खुलासा हुआ कि एक्सप्रेस-वे पर वीभत्स हादसों के कारण 718 जानें गईं, जबकि गंभीर रूप से घायल लोगों की संख्या 7,671 भी समान रूप से चिंताजनक है। आईएएनएस से बात करते हुए जैन ने कहा, "हमने तेज ड्राइविंग के खतरों पर लगाम लगाने के लिए सरकारी एजेंसियों को लिखा, लेकिन हमारी याचिकाओं पर कोई सुनवाई नहीं हुई।"

उन्होंने कहा, "एक्सप्रेस-वे की गतिविधियों पर एक स्वतंत्र एजेंसी को निगरानी रखनी चाहिए और गति उल्लंघन के बारे में जेपी इंफोटेक से प्राप्त जानकारी पर फॉलोअप देना चाहिए। हमने इसके बारे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है।" जनवरी से एक्सप्रेस-वे पर 130 से ज्यादा दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें 50 से ज्यादा जानें गई हैं।

जैन ने कहा कि ड्राइवर न केवल गति सीमा का उल्लंघन करते हैं, बल्कि बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के गाड़ियां चलाते हैं। उन्होंने दावा किया कि स्वचालित निगरानी गैजेट और नंबर प्लेट रीडर द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त 2012 से मार्च 2018 के बीच 2.33 करोड़ वाहनों ने गति सीमा का उल्लंघन किया। उन्होंने कहा, "लेकिन उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जाता है और वे मुफ्त में बच निकलते हैं।"

यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध आंकड़ों से पता चला है कि 23.42 प्रतिशत दुर्घटनाएं तेज गति और12 प्रतिशत दुर्घटनाएं टायर फटने के कारण हुईं। इस बीच, वैदिक सूत्रम के अध्यक्ष प्रमोद गौतम ने यमुना एक्सप्रेसवे के वास्तु डिजाइन में खामियों को इंगित किया। उन्होंने कहा, "यमुना एक्सप्रेस वे के दक्षिण की तरफ यमुना नदी बहती है, जो नकरात्मक ऊर्जा को प्रकट करती है। मूल आगरा-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग, जो यमुना नदी के उत्तर में स्थित है, वह सुरक्षित और उत्तम है।"

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