Tuesday, April 16, 2024
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UP: भाजपा विधायक ने अधीक्षण अभियंता को नोटों की माला पहनाते हुए कही यह बात

भाजपा विधायक पेयजल संकट दूर करने के अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। कुछ दिन पूर्व एक विधायक ने टैंकर प्रभारी को मुर्गा बनाकर सरेआम बेइज्जत किया था, और अब मंगलवार को तिंदवारी के विधायक बृजेश प्रजापति ने जल निगम के अधीक्षण अभियंता को नोटों की माला पहना कर....

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 25, 2018 17:55 IST
BJP MLA wore garland of notes to superintending engineer- India TV Hindi
Image Source : IANS BJP MLA wore garland of notes to superintending engineer

बांदा: उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के भाजपा विधायक पेयजल संकट दूर करने के अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। कुछ दिन पूर्व एक विधायक ने टैंकर प्रभारी को मुर्गा बनाकर सरेआम बेइज्जत किया था, और अब मंगलवार को तिंदवारी के विधायक बृजेश प्रजापति ने जल निगम के अधीक्षण अभियंता को नोटों की माला पहना कर उनपर भ्रष्टाचार के आरोप जड़े हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने जल संस्थान महाप्रबंधक के कार्यालय पर ताला भी जड़ दिया। तिंदवारी विधायक बृजेश प्रजापति ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा, "उनके क्षेत्र में जल निगम द्वारा लगवाए गए हैंडपंप मानक के विपरीत हैं, जिनमें पुरानी पाइपों का इस्तेमाल किया गया है। विधायक निधि से लगे हैंडपंपों में जल निगम के अधिकारियों ने घोर कमीशनबाजी की है। इसलिए पेयजल संकट से उबरने के बहाने अधिकारी घटिया काम न करें और बतौर रिश्वत अधीक्षण अभियंता यह रकम अपने पास रख लें।" 

विधायक ने जल निगम कार्यालय से सटे जल संस्थान के महाप्रबंधक कार्यालय में उनके गैर हाजिर रहने पर ताला जड़ दिया और चाबी कमिश्नर को सौंप दी।कमिश्नर रामविशाल मिश्र ने हालांकि विधायक की इस हरकत को गैर जिम्मेदाराना माना है और बुधवार को कहा, "जनप्रतिनिधि को किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को इस तरह बेइज्जत करने का अधिकार नहीं है और उन्हें मर्यादित आचरण अपनाना चाहिए।" 

जल निगम के अधीक्षण अभियंता एम.सी. श्रीवास्तव ने बुधवार को कहा, "सरकारी सेवा में पहली बार ऐसे विधायक देखे हैं। अगर हम भ्रष्ट हैं तो उन्हें जांच करानी चाहिए। इस तरह सरेआम बेइज्जत नहीं करना चाहिए।" उन्होंने सामूहिक तौर पर सभी विधायकों और सांसदों पर आरोप भी लगाया कि "विधायक/सांसद निधि हो या बुंदेलखंड विकास निधि, सभी में जनप्रतिनिधि खुलेआम 20-25 फीसदी कमीशन लेते हैं। जिसकी हकीकत निधियों से करवाए गए कार्यों के भौतिक सत्यापन से उजागर हो रही है।"

विधायक बृजेश प्रजापति ने बुधवार को फिर दोहराया, "जल निगम और जल संस्थान पेयजल संकट के प्रति संवेदनशून्य हैं और सिर्फ कमीशनखोरी पर उतारू हैं।" इस घटना के कुछ दिन पूर्व बांदा से भाजपा के सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने जल संस्थान के टैंकर प्रभारी नरेन्द्र कुमार को सरेआम मुर्गा बनाने के बाद बेहोश होने तक उठक-बैठक लगवा चुके हैं।

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