Wednesday, April 24, 2024
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सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों से मिलीं प्रियंका गांधी, गतिरोध समाप्त, रविवार को उम्भा गांव जाएंगे योगी आदित्यनाथ

प्रियंका गांधी वाड्रा और मिर्जापुर जिला प्रशासन के बीच चल रहा गतिरोध शनिवार दोपहर कांग्रेस महासचिव के सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मुलाकात के साथ ही समाप्त हो गया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 20, 2019 22:54 IST
Sonbhadra Firing: Yogi Adityanath to meet victim's kin on Sunday- India TV Hindi
Sonbhadra Firing: Yogi Adityanath to meet victim's kin on Sunday

नयी दिल्ली: प्रियंका गांधी वाड्रा और मिर्जापुर जिला प्रशासन के बीच चल रहा गतिरोध शनिवार दोपहर कांग्रेस महासचिव के सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मुलाकात के साथ ही समाप्त हो गया। इसके साथ ही रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हत्याकांड के घटनास्थल सोनभद्र के उम्भा गांव जाएंगे। प्रियंका को शुक्रवार को तब हिरासत में ले लिया गया था जब वह हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए सोनभद्र जाने को लेकर अड़ गई थीं।

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शनिवार को मिर्जापुर गेस्टहाउस में पीड़ित परिवारों के कुछ लोगों से मिलने के बाद कांग्रेस महासचिव दिल्ली रवाना हो गईं। प्रियंका ने बीती रात गेस्टहाउस में ही गुजारी थी और निजी मुचलका भरने की स्थानीय प्रशासन की पेशकश को मानने तथा वहां से जाने से इनकार कर दिया था। कांग्रेस महासचिव ने गेस्टहाउस में जुटे पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ''जिन्होंने मुझे गिरफ्तार किया, अपनी गाड़ी में बिठाकर चुनार के किले में लाये, जिन्होंने मुझे इस दरवाजे से उस दरवाजे तक रोका... वो आज कह रहे हैं कि मैं गिरफ्तार नहीं हूं, मैं स्वतंत्र हूं, मैं जा सकती हूं, उन्हें मैं कहना चाहती हूं कि मेरा मकसद पूरा हुआ, मैं परिवार के सदस्यों से मिली। आज मैं जा रही हूं लेकिन मैं वापस आऊंगी।''

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेता अजय राय ने कहा, ''कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और मिर्जापुर जिला प्रशासन के बीच गतिरोध समाप्त हो गया है। प्रियंका ने सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मुलाकात कर ली है।'' उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवारों की सात महिलाओं सहित कुल 15 लोगों ने प्रियंका से मुलाकात की। गोंड आदिवासी समुदाय के 10 लोग बुधवार को तब मारे गये जब यज्ञदत्त नाम के एक ग्राम प्रधान और उसके समर्थकों ने सोनभद्र के उम्भा गांव में जमीन पर कब्जा लेने की कोशिश के दौरान कथित तौर पर गोलीबारी कर दी। इस घटना में 28 अन्य लोग घायल हुए हैं।

पीड़ित ग्रामीणों से मिलने के बाद और दिल्ली रवाना होने से पहले प्रियंका वाराणसी पहुंचीं। वहां उन्होंने काशी विश्वनाथ और काल-भैरव मंदिरों के दर्शन किए। कांग्रेस में प्रियंका के लिए एकजुटता के प्रदर्शन के बीच गतिरोध समाप्त हो गया। कांग्रेस नेताओं ने पार्टी की पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी की हिरासत को ‘‘अवैध गिरफ्तारी’’ करार दिया और कई जगहों पर प्रदर्शन किए। पार्टी नेता राज बब्बर, राजीव शुक्ला, आरपीएन सिंह और जतिन प्रसाद वाराणसी हवाईअड्डे पर उतरे, लेकिन उन्हें सोनभद्र या चुनार जाने से रोक दिया गया। इससे पहले लखनऊ में, कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात कर आग्रह किया कि वह सोनभद्र के पीड़ित परिवारों से प्रियंका को मिलने देने का राज्य सरकार को निर्देश दें।

दिल्ली से पहुंचे तृणमूल कांग्रेस के तीन सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल को भी वाराणसी हवाईअड्डे पर हिरासत में ले लिया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दशकों से चले आ रहे जमीन विवाद के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर हमला बोलते हुए शुक्रवार को कहा था कि सोनभद्र संघर्ष के बाद 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री रविवार को उम्भा गांव जाएंगे। प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को वाराणसी स्थित बीएचयू ट्रामा सेंटर में कुछ पीड़ितों से मुलाकात की थी, लेकिन उन्हें उम्भा गांव जाने से रोक दिया गया था। उन्हें और उनके समर्थकों को गेस्टहाउस ले जाया गया था।

प्रियंका की हिरासत के मुद्दे पर प्रशासन ने कहा कि उन्हें ‘‘एहतियातन हिरासत’’ में लिया गया था क्योंकि सोनभद्र में निषेधाज्ञा लागू थी। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी बहन को हिरासत में लिए जाने की फेसबुक पर निन्दा की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की हिरासत, सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों से मिलने जाते समय, उत्तर प्रदेश की तानाशाही प्रवृत्ति वाली सरकार द्वारा चुनार गेस्टहाउस में बिना पानी और बिजली के रोकना , लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास है।’’

ग्रामीणों से गेस्टहाउस में मुलाकात के बाद प्रियंका ने सोनभद्र प्रशासन पर आरोप लगाया कि हिंसा रोकने के लिए उसने समय पर कार्रवाई नहीं की। प्रियंका ने कहा, ''ऐसे बच्चे हैं जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों खो दिए हैं। कुछ परिवार ऐसे हैं, जिनके बच्चे और माता-पिता अस्पताल में भर्ती हैं। ये लोग पिछले डेढ़ महीने से अपनी दिक्कतों के बारे में प्रशासन को सूचित कर रहे थे।'' उन्होंने कहा कि गांव की महिलाओं के खिलाफ कई फर्जी मामले भी दर्ज किये गए हैं। 

प्रियंका ने कहा, ‘‘इन लोगों के साथ जो भी हुआ, बहुत गलत हुआ। इनके साथ घोर अन्याय हुआ है और हम दुख की इस घड़ी में उनके साथ हैं तथा उनकी लड़ाई लड़ेंगे।’’ 

उन्होंने कहा कि जिस भी परिवार ने किसी सदस्य को खोया है, उसे वित्तीय सहायता के रूप में 25 लाख रुपये मिलने चाहिए। पीढ़ियों से जिस भूमि पर वे खेतीबाड़ी करते आ रहे हैं, वह जमीन उन्हें दी जानी चाहिए। इन लोगों के मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक आधार पर हो, ताकि ये विवाद खत्म हों। निर्दोष गांववालों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाने चाहिए। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को उनकी पार्टी दस-दस लाख रुपये देगी।

प्रियंका ने कहा कि यह नरसंहार था और लोगों की हत्याएं की गयी हैं । उनके साथ अन्याय हुआ है। बच्चों ने अपने माता-पिता खोए हैं। सरकार और प्रशासन ने घटना को दबाने का प्रयास किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अंतत: वह उम्भा नरसंहार के पीड़ित परिवारों से मिलीं। उनके साथ जो हुआ, वह अत्यंत नृशंस और अन्यायपूर्ण है। मानवता के नाम पर हर भारतीय को उनके (ग्रामीणों) साथ खड़ा होना चाहिए। उधर, जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने कहा कि प्रियंका गांधी को सोनभद्र जाने से इसलिए रोका गया क्योंकि वहां धारा-144 लागू है। ऐसी आशंका थी कि प्रियंका के सोनभद्र जाने से शांति व्यवस्था पर असर पड़ सकता था। न तो उन्हें हिरासत में लिया गया था, न ही उन्हें अन्य किसी जगह जाने से रोका गया था।

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