Saturday, April 20, 2024
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क्या फिर करवट लेगी यूपी की सियासत, साथ आएंगे शिवपाल और अखिलेश?

लोकसभा चुनाव 2019 के परिणामों ने यह साफ कर दिया कि उत्तर प्रदेश में अगर किसी पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, तो वो समाजवादी पार्टी है। चुनावों में मायावती की बसपा जहां सपा से गठबंधन करके शून्य से दस सीटों पर पहुंच गई, वहीं सपा अपना ग्राफ ऊपर न बढ़ा

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 08, 2019 17:11 IST
samajwadi- India TV Hindi
Image Source : PTI क्या सपा और प्रसपा में होगा गठबंधन?

लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 के परिणामों ने यह साफ कर दिया कि उत्तर प्रदेश में अगर किसी पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, तो वो समाजवादी पार्टी है। चुनावों में मायावती की बसपा जहां सपा से गठबंधन करके शून्य से दस सीटों पर पहुंच गई, वहीं सपा अपना ग्राफ ऊपर न बढ़ा सकी। इसके उलट उसे फिरोजाबाद, बदांयू और कन्नौज जैसे गढ़ भी गंवाने पड़े।

फिरोजाबाद में तो सपा की हार वोटों में बिखराव की वजह से हुई, यहां शिवपाल सिंह यादव ने सपा के वोटों में सेंध लगाई, जिस वजह से भाजपा ने जीत दर्ज की। अब खबर ये हैं कि शिवपाल और अखिलेश यादव मतभेद भूल कर एक बार फिर सामने आ सकते हैं। सूत्रों की मानें तो सपा और प्रसपा के बीच अगले विधानसभा चुनाव में गठबंधन होने की भी संभावना है।

प्रसपा प्रमुख शिवपाल भी कई बार यह कह चुके हैं कि जब चुनाव होंगे तो गठबंधन की बात होगी। हम उन लोगों से बात करेंगे जो हमसे गठबंधन करना चाहेंगे। हम समाजवादी पार्टी से भी गठबंधन कर सकते हैं। हालांकि चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल और अखिलेश पूरी तरह से एकसाथ लाने के प्रयास किए थे, जो असफल साबित हुए। 

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