Saturday, May 11, 2024
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लोकसभा चुनाव 2019 : समाजवादी पार्टी ने गठबंधन पर फैसला अखिलेश पर छोड़ा

लोकसभा चुनाव 2019 में विपक्षी दलों का मजबूत गठबंधन बनाने की कोशिश में जुटी समाजवादी पार्टी (सपा) ने इन चुनावों में अन्य दलों से तालमेल और सीटों के बंटवारे के बारे में फैसला लेने के लिये आज पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को अधिकृत कर दिया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 28, 2018 17:25 IST
Akhilesh yadav- India TV Hindi
Akhilesh yadav

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2019 में विपक्षी दलों का मजबूत गठबंधन बनाने की कोशिश में जुटी समाजवादी पार्टी (सपा) ने इन चुनावों में अन्य दलों से तालमेल और सीटों के बंटवारे के बारे में फैसला लेने के लिये आज पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को अधिकृत कर दिया। समाजवादी पार्टी के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुए यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में समझौते और सीटों के बंटवारे को लेकर सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को अधिकृत किया है। वह इस मामले में जो उचित समझेंगे, फैसला लेंगे।’’ 

उन्होंने बताया कि कार्यकारिणी बैठक में सभी सदस्यों का मानना था कि अगला लोकसभा चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के बजाय मतपत्रों से कराया जाए। इस सवाल पर कि अगर निर्वाचन आयोग मतपत्र से चुनाव कराने की मांग नहीं मानता है, तो यादव ने कहा ‘‘हम चुनाव आयोग के दरवाजे पर बैठ जाएंगे। न कोई अंदर जा सकेगा और न ही बाहर। गांधी जी की तरह देश में सत्याग्रह ही किया जा सकता है, जो हम करेंगे।’’ 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तर प्रदेश के ताबड़तोड़ दौरों के बारे में यादव ने कहा, ‘‘अभी तो उन्हें रोजाना ही यूपी का दौरा करना पड़ेगा। समय आने दीजिये।’’ सम्भल लोकसभा सीट से अपने चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर यादव ने कहा ‘‘यह फैसला तो पार्टी ही करेगी। अगर वह कहेगी तो हम चुनाव जरूर लड़ेंगे।’’ 

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आजम खां और शिवपाल यादव समेत कुछ वरिष्ठ नेताओं के शरीक नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर पार्टी महासचिव ने कहा, ‘‘कोई जरूरी है कि सब लोग मौजूद रहें.... 90 प्रतिशत लोग तो मौजूद थे। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव मौजूद थे।’’ इस सवाल पर कि क्या बैठक में अखिलेश के प्रतिद्वंद्वी रहे उनके चाचा शिवपाल के बारे में भी कोई बात हुई, उन्होंने ना में जवाब दिया। 

अगले लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के गठबंधन की अगुआई कौन करेगा, इस सवाल पर यादव ने कहा कि दिल्ली में 17 पार्टियों की सरकार है, तो क्या उनके सब नेता खत्म हो गये। केवल मोदी जी ही नेता रह गये हैं क्या। उन्होंने बताया कि पार्टी कार्यकारिणी बैठक में हाल में दिवंगत हुए मशहूर कवि गोपाल दास नीरज के निधन पर शोक व्यक्त करके उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी। 

इस बीच, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में उतरने से पहले ही सपा ने ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने का पुराना घिसा-पिटा राग छेड़कर अपनी हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने कहा कि सपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक का खुद परिवार और पार्टी के तमाम नेताओं ने बहिष्कार कर दिया। इसीलिए हताश और निराश सपा न सिर्फ किसी भी तरह के गठबंधन के लिए मजबूर दिख रही है, बल्कि अभी से चुनावी हार का ठीकरा ईवीएम मशीन पर फोड़ने की तैयारी में भी जुट गयी है। 

त्रिपाठी ने कहा कि हारे हुए दलों की तरफ से उठाये गये बेबुनियाद सवालों का जवाब देने के लिए जब चुनाव आयोग ने ईवीएम मशीनें रखकर उसे हैक करने की चुनौती दी तब कोई भी दल ये चुनौती स्वीकार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। ऐसे में एक बार फिर ईवीएम पर राग अलाप कर सपा ने आगामी लोकसभा चुनाव में होने जा रही अपनी बड़ी हार का बहाना तलाश लिया है। 

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