Saturday, April 20, 2024
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पतंजलि के फूड पार्क पर सस्पेंस गहराया, एक्शन में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

पंतजलि ग्रुप के एमडी आचार्य बालकृष्ण साफ कह चुके हैं कि यूपी सरकार के निराशाजनक रवैये के चलते फूड पार्क अब उत्तर प्रदेश में तो नहीं बनेगा। हालांकि पार्क बनेगा कहां ये साफ नहीं किया। इससे पहले आचार्य बालकृष्ण ने पंतजलि फूड पार्क शिफ्ट करने की जानकारी एक ट्वीट के ज़रिए भी दी थी।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 06, 2018 8:39 IST
Patanjali decides to shift food park project out of Uttar Pradesh- India TV Hindi
मंगलवार को योगी सरकार से ज़मीन का आबंटन रद्द होने के बाद पतंजलि ने फूड पार्क यूपी से बाहर शिफ्ट करने का ऐलान कर दिया।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में पतंजलि के फूड पार्क को लेकर अब सस्पेंस खड़ा हो गया है। यूपी सरकार ने फूड पार्क के लिए पंतजलि को जमीन आवंटन रद्द कर दिया है जिसके बाद पंतजलि ने भी ग्रेटर नोएडा से फूड पार्क कहीं और शिफ्ट करने का ऐलान कर दिया। हालांकि अब सरकार इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही है। खुद योगी आदित्यनाथ भी एक्शन में आ गए हैं। स्वामी रामदेव इस फूड एंड हर्बल पार्क को एक ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर ग्रेटर नोएडा में तैयार करने का सपना देखा था लेकिन ये सपना अब सच होगा या नहीं इसे लेकर सस्पेंस गहरा गया है।

मंगलवार को योगी सरकार से ज़मीन का आबंटन रद्द होने के बाद पतंजलि ने फूड पार्क यूपी से बाहर शिफ्ट करने का ऐलान कर दिया लेकिन इसका असर ये हुआ कि यूपी से फूड पार्क हटाने के पतंजलि के फैसले के कुछ ही घंटे बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में आ गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ख़ुद अधिकारियों की बैठक बुलाई। बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से रामदेव के क़रीबियों से बात भी की गई है। सरकार का कहना है कि फूड पार्क को लेकर कुछ तकनीकी दिक्कतें हैं जिसे आपस में बैठकर मामले को सुलझाने की कोशिश की जाएगी।

हालांकि अब बात कितनी बनेगी इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं क्योंकि पंतजलि ग्रुप के एमडी आचार्य बालकृष्ण साफ कह चुके हैं कि यूपी सरकार के निराशाजनक रवैये के चलते फूड पार्क अब उत्तर प्रदेश में तो नहीं बनेगा। हालांकि पार्क बनेगा कहां ये साफ नहीं किया। इससे पहले आचार्य बालकृष्ण ने पंतजलि फूड पार्क शिफ्ट करने की जानकारी एक ट्वीट के ज़रिए भी दी थी।

आचार्य बालकृष्ण ने लिखा, “आज ग्रेटर नोएडा में केन्द्रीय सरकार से स्वीकृत मेगा फूड पार्क को निरस्त करने की सूचना मिली। श्रीराम और कृष्ण की पवित्र भूमि के किसानों के जीवन में समृद्धि लाने का संकल्प प्रांतीय सरकार की उदासीनता के चलते अधूरा ही रह गया। पतंजलि ने प्रोजेक्ट को अन्यत्र शिफ्ट करने का निर्णय लिया है।“

आचार्य बालकृष्ण ने फूड पार्क का मामला अधर में लटकने का ठीकरा सिस्टम की लेट लतीफी के सिर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि केंद्र से स्वीकृति मिलने के बाद भी फूड पार्क की फाइल इधर से उधर घूमती रही लेकिन संबंधित अधिकारियों ने इस पर ध्यान तक नही दिया। आचार्य बालकृष्ण के ऐलान के बाद पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने भी ट्वीट कर लिखा, “यहां नहीं, तो कहीं और सही। ग्रेटर नोएडा में 425 एकड़ में 6000 करोड़ रुपए के इंवेस्टमेंट से बनने वाले पतंजलि मेगा फूड‌ पार्क से लाखों किसानों के जीवन में खुशहाली आती, हज़ारों लोगों को रोज़गार मिलता, पूरे प्रदेश और NCR का नक्शा ही बदल जाता।“

बता दें कि अखिलेश सरकार में पतंजलि के इस मेगा फूड पार्क को बनाने का फैसला किया गया था। 30 नवंबर 2016 को ख़ुद अखिलेश यादव और स्वामी रामदेव ने मिलकर लखनऊ के लोकभवन से यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी से सटे फ़ूड पार्क का शिलान्यास किया था। ग्रेटर नोएडा में फूड पार्क 6000 करोड़ की लागत से तैयार किया जाना था। फूड एंड हर्बल पार्क 425 एकड़ ज़मीन पर तैयार होना था। अभी तक साइट ऑफिस और फूड पार्क की बाउंड्री तैयार हो चुकी थी। स्वामी रामदेव के मुताबिक़ फूड पार्क से क़रीब 8000 लोगों को रोज़गार भी मिलता। लेकिन प्रोजेक्ट पूरा होने से पहले ही ये कागज़ों में उलझ गया है। अब देखना ये है कि योगी सरकार इस फूड पार्क को लेकर क्या फैसला लेती है।

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