Tuesday, April 16, 2024
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उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा की बेरुखी से कांग्रेस नेता निराश, पर वोट बढ़ने की उम्मीद

कांग्रेस राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर अकेले उतरने या फिर छोटी पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी भी ऐलान कर चुके हैं कि उत्तर प्रदेश में पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा जाएगा।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: January 18, 2019 13:16 IST
उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा की बेरुखी से कांग्रेस नेता निराश, पर वोट बढ़ने की उम्मीद - India TV Hindi
उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा की बेरुखी से कांग्रेस नेता निराश, पर वोट बढ़ने की उम्मीद 

नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और रालोद गठबंधन में जगह न मिलने के बाद राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही कांग्रेस को उम्मीद है कि उसे सीट भले ज्यादा न मिलें पर वह अपना मत प्रतिशत बढ़ाने में सफल रहेगी। प्रदेश कांग्रेस के नेता मान रहे हैं कि गठबंधन में चुनाव लड़ने पर कांग्रेस को ज्यादा फायदा होता और सपा व बसपा के फैसले से उनकी उम्मीदों को झटका लगा है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने 12 जनवरी को लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर अगला लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ने का ऐलान किया था। कांग्रेस को तब तक यह उम्मीद थी कि इस गठबंधन में उसे भी जगह मिल सकेगी।

अब कांग्रेस राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर अकेले उतरने या फिर छोटी पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी भी ऐलान कर चुके हैं कि उत्तर प्रदेश में पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा जाएगा। इसी तैयारी के तहत गांधी अगले महीने राज्य में 13 सभाएं करने जा रहे हैं। लेकिन नेतृत्व की इस घोषणा के बावजूद उत्तर प्रदेश से जुड़े कांग्रेस नेताओं में अकेले चुनावी मैदान में जाने को लेकर बहुत उत्साह नहीं है। 

उत्तर प्रदेश से सांसद रह चुके कांग्रेस एक के नेता नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा, ''यह बात सच है कि अगर सपा-बसपा के साथ कांग्रेस कुछ चुनिंदा सीटों पर चुनाव लड़ती तो हमारे लिए चीजें आसान होतीं, लेकिन अब हमें उम्मीद है कि सभी सीटों पर लड़ने से पूरे प्रदेश में संगठन में नयी जान आ सकती है।'' उन्होंने कहा, ''मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की जीत के बाद जमीन पर स्थिति बहुत बदली है। जो लोग हमें कमतर आंक रहे हैं, वह कुछ महीनों बाद गलत भी साबित हो सकते हैं।''

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी का कहना है कि कुछ हफ्ते पहले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस को ‘हराने की बात करने वाले’ अब उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस को कमतर आंकने की गलती कर रहे हैं। तिवारी ने दावा किया, ‘‘उत्तर प्रदेश के नतीजे चौंकाएंगे। मैं इतना यकीन से कह सकता हूं कि महिलाएं, युवा और किसान कांग्रेस के पक्ष में खड़े हो रहे हैं।’’ राजनीतिक जानकारों की माने तो फिलहाल की स्थिति में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने वोट प्रतिशत में इजाफा जरूर कर सकती है, लेकिन 2009 की तरह किसी परिणाम की संभावना बहुत कम है। 

सीएसडीएस के निदेशक संजय कुमार ने कहा, ''इसकी पूरी संभावना है कि जब कांग्रेस राज्य की अधिकतर सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो उसके मत प्रतिशत में बढ़ोतरी होगी, लेकिन वह अपनी खोई जमीन वापस हासिल कर ले, इसकी गुंजाइश बहुत कम नजर आती है।''

यह पूछे जाने पर मुस्लिम वोटरों का कांग्रेस के प्रति रुझान बड़े पैमाने पर हो सकता है तो कुमार ने कहा, ''यह सच है कि राज्य में मुस्लिम वोटरों का रुझान कांग्रेस के प्रति बढा है, लेकिन इसका बड़ा हिस्सा कांग्रेस के पक्ष में आएगा इस पर संदेह है। हां, कांग्रेस सभी वर्गों के मतों में थोड़ी-बहुत सेंधमारी जरूर कर सकती है।'' वैसे, कांग्रेस के जुड़े सूत्रों का यह भी कहना था, कि पार्टी चुनाव भले ही सभी सीटों पर लड़े, लेकिन करीब 20 सीटें ऐसी होंगी जिन पर खास तवज्जो दी जाएगी। इनमें अमेठी और रायबरेली के अलावा वह सीटें शामिल हैं जहां पार्टी ने पिछले कुछ चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है।

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