Thursday, April 25, 2024
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गोरखपुर हादसा : बीआरडी कॉलेज का प्रिंसिपल पत्नी सहित हिरासत में

एसटीएफ ने मंगलवार को मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्रिंसिपल डॉ. राजीव मिश्रा और उनके कामकाज में हस्तक्षेप कर ऑक्सीजन वेंडरों से रिश्वत वसूलने वाली उनकी पत्नी पूर्णिमा शुक्ला को हिरासत में लिया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 29, 2017 20:41 IST
BRD college- India TV Hindi
BRD college

लखनऊ/कानपुर: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के गृह जिले गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास (BRD) मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में पिछले दिनों ऑक्सीजन की कमी से 30 बच्चों की मौत के मामले में एसटीएफ ने मंगलवार को मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्रिंसिपल डॉ. राजीव मिश्रा और उनके कामकाज में हस्तक्षेप कर ऑक्सीजन वेंडरों से रिश्वत वसूलने वाली उनकी पत्नी पूर्णिमा शुक्ला को हिरासत में लिया। यह जानकारी उप्र के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दी। आईजी विजय सिंह मीणा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों आरोपी कानपुर में छिपे हुए थे। दोनों को एसटीएफ ने हिरासत में लिया है। उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा और पुलिस हिरासत में सौंपने की मांग की जाएगी। अदालत से आदेश मिलते ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

प्रिंसिपल और उनकी पत्नी कई दिनों से कानपुर में एक अधिवक्ता के घर पर ठहरे थे, लेकिन पुलिस ने सर्विलांस की मदद से दोनों को ढूंढ़ निकाला। प्रिंसिपल की पत्नी पूर्णिमा शुक्ला गोरखपुर की सीनियर होमियोपैथिक मेडिकल ऑफिसर के पद पर थी। पति-पत्नी दोनों ऑक्सीजन कांड के बाद से फरार थे। दोनों को पकड़कर लखनऊ ले जाया गया है। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कलेज में अगस्त के दूसरे हफ्ते में छह दिनों में 63 लोगों की मौत हो गई थी। 10 और 11 अगस्त को 30 बच्चों की मौत ऑक्सीजन की आपूर्ति रोक दिए जाने से हो गई थी। 

इस हृदयविदारक घटना के बाद चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक के.के. गुप्ता ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में 23 अगस्त को सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिनमें प्रिंसिपल और उनकी पत्नी के नाम भी शामिल हैं। प्राथमिकी में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई करने वाली फर्म पुष्पा सेल्स के संचालकों के अलावा कई कर्मचारियों व डाक्टरों को भी नामजद किया गया है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों की मौत के मामले में मुख्य सचिव राजीव कुमार को जांच का जिम्मा सौंपा था। उन्होंने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी थी। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा की अपर मुख्य सचिव अनीता भटनागर जैन को पद से हटा दिया गया था। मुख्यमंत्री और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पहले इस मामले पर पर्दा डालने की पुरजोर कोशिश के तहत बयान दिया कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की सप्लाई रुकने से नहीं, बल्कि इन्सेफेलाइटिस से हुई। इसके बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस घटना को तरजीह न देते हुए बयान दिया कि इतने बड़े देश में ऐसी घटनाएं तो होती रहती हैं। 

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