Friday, March 29, 2024
Advertisement

जमीन हड़पने के मामले में सपा नेता आजम खां पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी

समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद आजम खां ने जमीन पर 'जबरन कब्जा' करने से पहले दो दर्जन से ज्यादा किसानों को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखवाया और कई दिनों तक उन्हें प्रताड़ित किया।

IANS Reported by: IANS
Published on: July 13, 2019 21:06 IST
azam khan- India TV Hindi
azam khan

नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद आजम खां ने जमीन पर 'जबरन कब्जा' करने से पहले दो दर्जन से ज्यादा किसानों को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखवाया और कई दिनों तक उन्हें प्रताड़ित किया। पुलिस ने यह बात शनिवार को कही।

रामपुर के अजीम नगर थाने में दर्ज आपराधिक मुकदमे के मुताबिक, आजम खां और उनके निकट सहयोगी पूर्व पुलिस उपाधीक्षक आलेहसन खान ने कथित रूप से फर्जी दस्तावेज के आधार पर सपा नेता की करोड़ोंकी निजी परियोजना 'मोहम्मद अली जौहर युनिवर्सिटी' के लिए कई सौ करोड़ रुपये से अधिक की जमीन हड़प ली।

रामपुर के पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा ने बताया, "छब्बीस किसानों ने कहा है कि आजम खां और आलेहसन ने अवैध रूप से उन्हें हिरासत में लिया और उनकी कई हजार हेक्टेयर जमीन हासिल करने के लिए जाली कागजात पर हस्ताक्षर करने का दबाव डाला।" शर्मा ने कहा, "जब किसानों ने कागजात पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, तो उनकी जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया गया। रामपुर के तत्कालीन अंचल अधिकारी (सीओ) आलेहासन ने गरीबों की जमीन हड़पने में अपनी आधिकारिक हैसियत का दुरुपयोग किया। तथ्यों की पुष्टि होने के बाद हमने आजम खां के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया है।"

सपा नेता के खिलाफ मामला उप्र के राजस्व विभाग द्वारा एक जांच के आधार पर दर्ज किया गया, जिसमें सभी प्रासंगिक दस्तावेजों की जांच की गई थी और किसानों के बयान दर्ज किए गए थे, जो मुख्य रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। रामपुर जिले के पुलिस प्रमुख ने कहा, "राजस्व विभाग की मुख्य शिकायत के आधार पर आजम खां के खिलाफ 26 अलग-अलग मामले दर्ज किए जाएंगे, क्योंकि इसमें जमीन के अलग-अलग हिस्से और अलग-अलग मालिक शामिल हैं।"

यह पूछे जाने पर कि क्या आजम खां को गिरफ्तार किया जा सकता है, शर्मा ने कहा, "यह किसी भी समय हो सकता है। जांच जारी है।" मामले से संबंधित प्राथमिकी (एफआईआर) में कहा गया है कि किसानों की जमीन हथियाने के अलावा, आजम खां ने कोसी नदी के किनारे 5,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने के लिए 2012 से 2017 के बीच कैबिनेट मंत्री के तौर पर अपने पद का दुरुपयोग भी किया।

एक राजस्व अधिकारी ने कहा, "राजस्व रिकॉर्ड कथित रूप से जाली थे और कई सौ करोड़ रुपये की जमीन पर अवैध रूप से मोहम्मद जौहर अली विश्वविद्यालय द्वारा कब्जा कर लिया गया।" राजस्व अधिकारी के अनुसार, नदी के किनारे की जमीन को धोखाधड़ी से कब्जाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेने का आजम खां के खिलाफ एक मजबूत सबूत है।

आजम खां के ड्रीम प्रोजेक्ट, मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की परिकल्पना 2004 में एक निजी उर्दू विश्वविद्यालय के रूप में की गई थी। सपा के उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के बाद विश्वविद्यालय परिसर का निर्माण तेजी से शुरू हुआ। साल 2012 में, अखिलेश यादव सरकार ने आजम खां को विश्वविद्यालय का आजीवन कुलाधिपति बनाए जाने को मंजूरी दी थी। इस कदम का उप्र के राज्यपाल ने विरोध किया था।

लोकसभा चुनाव 2019 में आजम के खिलाफ लड़ने वाली भाजपा नेता जयाप्रदा ने पिछले महीने चुनाव आयोग के पास एक शिकायत दायर कर मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में लाभ का पद धारण करने के कारण नवनिर्वाचित सांसद को अयोग्य घोषित किए जाने की मांग की थी।

आईएएनएस ने जमीन हथियाने के मामलों में आजम खां का बयान लेने के लिए उनसे संपर्क करने की कोशिश की, मगर उनसे संपर्क नहीं हो पाया। सपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि भाजपा सपा के निष्ठावान नेता की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है, जिसने रामपुर में उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।

Latest Uttar Pradesh News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Uttar Pradesh News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement