Thursday, April 25, 2024
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आरुषि मर्डर केस: फैसला सुनने के बाद रो पड़े राजेश और नूपुर तलवार

हाई कोर्ट ने CBI अदालत के फैसले को खारिज कर दिया और दोनों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आरुषि को मम्मी-पापा ने नहीं मारा...

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 12, 2017 15:48 IST
Aarushi, Hemraj murder case- India TV Hindi
Aarushi, Hemraj murder case

नोएडा: चर्चित आरुषि-हेमराज मर्डर मामले में गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राजेश और नूपुर तलवार को बड़ी राहत देते हुए बरी कर दिया। हाई कोर्ट ने CBI अदालत के फैसले को खारिज कर दिया और दोनों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आरुषि को मम्मी-पापा ने नहीं मारा। हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले में भी कमियां बताईं। अदालत की सभी 26 वजहों को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया और तलवार दंपति को तत्काल जेल से रिहा करने का आदेश दिया। फैसला सुनने के बाद डासना जेल में बंद राजेश और नुपुर तलवार ने एक-दूसरे को गले लगाया और रो पड़े।

आपको बता दें कि बेटी की हत्या मामले में CBI की विशेष अदालत ने राजेश और नूपुर तलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। फैसला जस्टिस ए.के. मिश्रा ने पढ़कर सुनाया। इससे पहले दोपहर करीब 2.50 बजे दोनों जजों ने फैसले पर हस्ताक्षर किया। आपको बता दें कि फैसला आने से पहले तलवार दंपती काफी परेशान थे। जेल में बंद राजेश और नूपुर तलवार रात को सोए भी नहीं थे। सुबह हेल्थ चेकअप के दौरान उनका ब्लड प्रेशर भी बढ़ा हुआ था। आइए, आपको बताते हैं कि किस आधार पर तलवार दंपत्ति पर हत्या का आरोप लगाया गया था..

  • आरुषि का बेडरूम और उसके पैरेंट्स का कमरा बिल्कुल सटा था
  • हेमराज का शव छत पर मिला, छत का दरवाजा अंदर से बंद था
  • घटना की रात फ्लैट में 4 लोग, तलवार दंपति, आरूषि, हेमराज
  • आरुषि-हेमराज की हत्या..बाहरी व्यक्ति के आने की गुंजाइश नहीं
  • हत्या की पूरी रात इंटरनेट चालू, एक आरोपी पूरी रात जगा था
  • इंटरनेट चालू होने की वजह से रात में बिजली गुल की बात गलत
  • किसी बाहरी व्यक्ति के घर में घुसने का भी कोई सबूत नहीं मिला
  • फ्लैट में चोरी या सामान के गायब होने का सबूत नहीं था
  • तलवार दंपति के कपड़ों पर खून नहीं मिलना एक सबूत माना गया  
  • डाइनिंग टेबल पर स्कॉच की बोतल पर खून के निशान
  • बाहरी व्यक्ति का हेमराज को मारकर शव छत पर ले जाना संभव नहीं
  • मर्डर से पहले कभी भी छत के दरवाजे पर ताला नहीं लगाया गया
  • सीढ़ियों पर गिरे खून को साफ करने की कोशिश की गई थी
  • गायब गोल्फ स्टिक कुछ दिन बाद तलवार के घर से ही मिली थी
  • आरुषि-हेमराज के सिर-गर्दन पर गोल्फ स्टिक के चोट के जख्म थे

आरुषि केस में कब क्या?

  • 12 अक्टूबर 2017: हाईकोर्ट ने CBI अदालत के फैसले को खारिज करते हुए राजेश और नूपुर तलवार को बरी किया
  • 26 नवंबर 2013 - राजेश और नूपुर तलवार को उम्रकैद की सज़ा, दोनों डासना जेल में बंद
  • 25 नवंबर 2013 - कोर्ट ने राजेश और नूपुर तलवार को डबल मर्डर का दोषी करार दिया
  • 18 अक्टूबर 2013 - कोर्ट में सीबीआई ने कहा कि तलवार दंपत्ति ने जांच को गुमराह किया
  • 25 सितंबर 2012 - नूपुर तलवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जमानत दी गई
  • 3 मई 2012 - सेशन कोर्ट से डॉ. नूपुर तलवार की जमानत याचिका खारिज
  • 30 अप्रैल 2012 - सीबीआई ने आरूषि की मां डॉ. नूपुर तलवार को गिरफ्तार किया
  • 14 मार्च 2012 - सीबीआई ने राजेश तलवार की जमानत खारिज करने की अपील की
  • 9 फरवरी 2011 - क्लोजर रिपोर्ट खारिज, कोर्ट ने तलवार दंपत्ति पर केस चलाने को कहा
  • 29 दिसंबर 2010 - सबूत के अभाव में सीबीआई ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की
  • 12 जुलाई 2008 - सबूत के अभाव में डॉ. राजेश तलवार को जमानत दी गई
  • 31 मई 2008 - तत्‍कालीन मायावती सरकार ने केस सीबीआई को ट्रांसफर किया
  • 23 मई 2008 - आरूषि के पिता डॉ.राजेश तलवार डबल मर्डर के आरोप में गिरफ्तार
  • 17 मई 2008 -  शुरूआती शक नौकर हेमराज पर, हेमराज का शव भी फ्लैट की छत पर मिला
  • 16 मई 2008 - नोएडा के जलवायु विहार के फ्लैट नंबर L-32 में आरूषि मृत पाई गई

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