देहरादून: मुख्य विपक्षी भाजपा पर तथ्यों को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज दावा किया कि उनके पास अब भी राज्य विधानसभा में बहुमत है और सदन में वह इसे किसी भी समय साबित करने को तैयार हैं। विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के साथ बैठक करने के बाद वहां से बाहर आते हुए उन्होंने संवाददाताओं द्वारा इस संबंध में पूछे जाने पर किसी पार्टी का नाम लिये बगैर कहा, जो लोग यह कह रहे हैं कि उनके पास 35 विधायकों का समर्थन है, वे तथ्यों को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। मुझो विश्वास है कि विधानसभा में मेरे पास बहुमत है और मैं सदन में इसे साबित भी कर सकता हूं।
कांग्रेस के नौ बागी विधायकों सहित 35 विधायकों के समर्थन के भाजपा के दावे के बारे में रावत ने कहा कि उनमें से कम से कम पांच विधायक तो अब भी उनके संपर्क में हैं। उन्होंने कहा, उन विधायकों ने कहा है कि वे अब भी पार्टी के साथ हैं और कांग्रेस विधानमंडल दल के सदस्य बने रहेंगे। अध्यक्ष कुंजवाल के साथ हुई बैठक के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह उनके पास सदन के नेता के तौर पर कु पार्टी विधायकों के अलोकतांत्रिक व्यवहार पर माफी मांगने गये थे जो सदन के स्थगित होने के बाद अध्यक्ष के आसन के सामने भाजपा विधायकों के साथ धरने पर बैठ गये और नारेबाजी करने लगे थे।
उन्होंने यह माना कि कांग्रेस विधायकों ने मुख्य विपक्षी पार्टी के सदस्यों के साथ धरने मे बैठकर पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया है और कहा कि उन्होंने संवैधानिक प्रावधानों के तहत काम नहीं किया और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रावत ने यह भी दावा किया कि तथाकथित असंतुष्ट विधायक अब भी उनके संपर्क में है और वे कांग्रेस विधानमंडल दल के सदस्य बने रहेंगे। हालांकि, मुख्यमंत्री रावत ने यह भी माना कि उन्हें हरक सिंह रावत और विजय बहुगुणा जैसे पार्टी के बागी विधायकों के व्यवहार से चोट पहुंची है और कहा, जहां तक हरक सिंह का सवाल है, उनके बारे में कम कहा जाना ही बेहतर होगा। वह उत्तराखंड के राजनीतिक फलक का ऐसा सितारा हैं कि अगर एक या दो और ऐसे पहलवान राज्य में पैदा हो जायें तो हमारे सपनों का उत्तराखंड कभी सच्चाई नहीं बन पाएगा।
रावत ने कहा कि उन्हें कल सदन में बहुगुणा द्वारा किये गये व्यवहार से आघात लगा है क्योंकि वह एक ऐसे परिवार से हैं जिसने हमेशा सांप्रदायिक ताकतों से संघर्ष किया।
उन्होंने कहा, वह हेमवती नंदन बहुगुणा के पुत्र हैं जिन्होंने हमेशा धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के लिये संघर्ष किया और सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ खडे रहे। ऐसे में बहुगुणा का व्यवहार बहुत हैरान करने वाला है। उनके पिता की आत्मा भी इससे विचलित हो रही होगी। हांलांकि, रावत ने कहा कि असंतुष्ट विधायकों को अपनी गलती मानने के लिये समय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, पार्टी में मतों की भिन्नता होती है। मैं उन्हें अपनी गलती मानने का समय देता हूं।
उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्यपाल डॉ के के पाल से मिलने का समय मांगा है जिससे उनके राज्य के ताजा राजनीतिक हालात के बारे में अवगत कराया जा सके। कल से बदले हालात के बाद अपने कुनबे को साथ रखने के लिए मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर उनकी सरकार में शामिल ह सदस्यीय प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा पीडीएफ के सदस्यों के साथ भी एक बैठक की।