नई दिल्ली: उत्तराखंड का सियासी संकट आज राष्ट्रपति के दरबार तक पहुंच गया। आज बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने अलग-अलग वक्त पर राष्ट्रपति भवन जाकर प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। बीजेपी के विधायक विजय चौक से पैदल मार्च करते हुए राष्ट्रपति भवन पहुंचे। उनके साथ बीजेपी के सांसद भी थे लेकिन बीजेपी के सिर्फ 10 विधायकों को ही मिलने की इजाजत मिली थी।
रायसीना हिल्स में देहरादून दरबार
सबसे खास बात ये रही कि कांग्रेस के 9 बागी विधायक नहीं दिखाई दिए। पहले इन बागियों के भी राष्ट्रपति से मिलने की बात कही जा रही थी। बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राष्ट्रपति से दखल देने की अपील गई है। बीजेपी नेताओं ने हरीश रावत सरकार को भंग करके बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए बुलाने की मांग की है।
बीजेपी का कहना है कि उत्तराखंड में संसदीय मर्यादा तार-तार की गई है जबकि हरीश रावत सरकार का कहना है कि स्पीकर के डोमेन में स्पीकर का फैसला ही सर्वोच्च है। इस बीच, उत्तराखंड के राज्यपाल के के पॉल ने उत्तराखंड के राजनीतिक हालात पर केंद्र को अपनी रिपोर्ट भेजी है।
राज्यपाल ने रिपोर्ट के साथ भेजी सीडी
रिपोर्ट के साथ राज्यपाल ने विधानसभा की कार्यवाही की CD भी भेजी है। रिपोर्ट में राज्यपाल ने लिखा है कि विधानसभा में विनियोग विधेयक पर चर्चा के बाद विपक्ष की तरफ से वोटिंग की मांग को विधानसभा अध्यक्ष ने ठुकरा दिया था। साथ ही राज्यपाल ने 35 विधायकों की राजभवन में परेड की CD भी रिपोर्ट के साथ भेजी है।
उत्तराखंड में राज्यपाल केके पॉल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को 28 मार्च को विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है। हरीश रावत अपनी सरकार को बचाने के लिए पूरा ज़ोर लगाए हुए हैं। कांग्रेस में और कोई टूट न होने पाए, इसके लिए कांग्रेस के बाकी विधायकों को रामनगर में किसी अज्ञात ठिकाने पर भेज दिया है। इस बीच कांग्रेस के बागी विधायक और हरीश रावत सरकार के कैबिनेट मंत्री रह चुके हरक सिंह रावत ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखी है। हरक सिंह रावत ने मांग की है कि सरकार को बहुमत साबित करने के लिए कल विधानसभा का सत्र बुलाया जाए।
आगे की स्लाइड में पढ़िए पूरी खबर-