Thursday, April 25, 2024
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संघर्ष समाप्त करने के लिए एकमात्र रास्ता है बातचीत: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि वि भर में समुदायों को विभाजित करने और देशों तथा समाजों के बीच संघर्ष का बीज बोने वाली धार्मिक रूढ़िवादिता और पूर्वाग्रह को केवल बातचीत के जरिए ही समाप्त किया जा सकता है।

Bhasha Edited by: Bhasha
Published on: August 05, 2017 14:10 IST
Modi- India TV Hindi
Modi

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि वि भर में समुदायों को विभाजित करने और देशों तथा समाजों के बीच संघर्ष का बीज बोने वाली धार्मिक रूढ़िवादिता और पूर्वाग्रह को केवल बातचीत के जरिए ही समाप्त किया जा सकता है। 

मोदी ने कहा, जब आपस में जुड़ा और एक दूसरे पर निर्भर 21वीं सदी का वि आतंकवाद से ले कर जलवायु परिवर्तन जैसी वैकि चुनौतियों से जूझा रहा है, मुझो विास है कि इनका हल वार्ता और चर्चा की एशिया की सबसे पुरानी परंपरा के जरिए ही निकलेगा। 

मोदी ने कहा कि वह प्राचीन भारत की उस परंपरा की उपज हैं जो जटिल मुद्दे पर बातचीत में विास रखती है। प्रधानमंत्री ने यांगून में हो रहे संवाद-ग्लोबल इनीशिएटिव ऑन कॉन्फ्टिक अवॉयडेंस एंड इन्वायरमेंट कॉन्शियसनेस के दूसरे संस्करण के लिए वीडियो संदेश में यह बात कही। 

मोदी ने कहा कि प्राचीन भारत का तर्क शास्त्र :वादविवाद: का सिद्धांत बातचीत और वादविवाद पर आधारित है जो कि संघर्ष से बचने और विचारों के आदान प्रदान का मॉडल है। उन्होंने भगवान राम, कृष्ण, बुद्ध और भक्त प्रहलाद का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके प्रत्येक कर्म का उद्देश्य धर्म को बनाए रखना था और इसी ने भारतीयों को प्राचीन से आधुनिक समय तक बनाए रखा है। 

उन्होंने पर्यावरण का जिक्र करते हुए कहा कि मनुष्य को प्रकृति को दोहन करने वाला संसाधन भर नहीं समझाना चाहिए बल्कि उससे जुड़ना और उसे सम्मान देना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि अगर मनुष्य प्रकृति का ध्यान नहीं रखता तो प्रकृति अपनी प्रतिक््िरुया जलवायु परिवर्तन के रूप में देती है।
मोदी ने कहा कि पर्यावरण कानून और नियंत्रण प्रकृति को बेहद कम सुरक्षा देते हैं और उन्होंने सामंजस्यपूर्ण पर्यावर्णीय चेतना की मांग की। 

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