Friday, April 26, 2024
Advertisement

राहुल गांधी की न्यूनतम आय योजना पर कन्फ्यूजन, NYAY स्कीम पर पलटी कांग्रेस!

लोकसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिस न्याय स्कीम के जरिए जीत का दांव खेला है, कांग्रेस उसी स्कीम को लेकर अपने ही घर में उलझ गई है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 27, 2019 8:18 IST
राहुल गांधी की न्यूनतम आय योजना पर कन्फ्यूजन, NYAY स्कीम पर पलटी कांग्रेस!- India TV Hindi
राहुल गांधी की न्यूनतम आय योजना पर कन्फ्यूजन, NYAY स्कीम पर पलटी कांग्रेस!

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिस न्याय स्कीम के जरिए जीत का दांव खेला है, कांग्रेस उसी स्कीम को लेकर अपने ही घर में उलझ गई है। राहुल ने सोमवार को उस स्कीम की जो खूबी बताई थी, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला मंगलवार को उससे पलट गए और कहा कि राहुल को कुछ कंफ्यूजन हुआ था। राहुल गांधी ने सोमवार को 5 करोड़ गरीब परिवारों के लिए जिस न्यूनतम आय स्कीम को धमाकेदार अंदाज में पेश कर बड़ा चुनावी दांव चला, एक दिन बाद उनकी पार्टी के ही प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उनके दावे में ट्विस्ट लाकर उसकी हवा निकाल दी।

Related Stories

राहुल ने NYAY स्कीम को टॉप अप स्कीम बताया था जबकि सुरजेवाला ने कहा कि ये टॉप अप स्कीम नहीं है। यानी स्कीम के बारे में राहुल और कांग्रेस के नेता खुद कन्फ्यूज हैं। राहुल के एलान के 24 घंटे बाद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उनके बयान पर सफाई दी और माना कि स्कीम को लेकर पार्टी में कुछ उलझन थी। सुरजेवाला ने कहा कि योजना के तहत देश के सबसे गरीब बीस फीसदी परिवारों को हर साल 72 हजार रूपये दिए जाएंगे।

जब कांग्रेस के अंदर ये कन्फ्यूजन सामने आया तब बीजेपी ने राहुल और सुरजेवाला के बयानों को सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया और कांग्रेस पर 24 घंटे में अपने वादे से पलटने और देश के लोगों को गुमराह करने का आरोप लगा दिया। इतना ही नहीं पार्टी के बड़े नेताओं ने कांग्रेस पर तीखा हमला भी शुरू कर दिया। वहीं कुछ प्रमुख अर्थशास्त्रियों तथा समाज विज्ञानियों द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर चिंता जतायी जा रही है।

अर्थशास्त्री जीन ड्रेज कहा, ‘‘न्याय सामाजिक सुरक्षा के लिये एक स्वागतयोग्य प्रतिबद्धता है। हालांकि, इस प्रस्ताव की मजबूती इस बात पर निर्भर करती है कि इसका वित्त पोषण कैसे होता है और किस प्रकार सर्वाधिक गरीब 20 प्रतिशत आबादी की पहचान की जाती है...।’’ पूर्ववर्ती योजना आयोग की सदस्य सईदा हामीद ने योजना की सराहना की। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया इससे सरकारी खजाने पर बोझ पड़ेगा।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तथा पूर्ववर्ती योजना आयोग के सदस्य अभिजीत सेन ने भी कहा, ‘‘इसमें काफी धन की जरूरत होगी और इसके क्रियान्वयन का भी मुद्दा बना रहेगा।’’ भोजन के अधिकार से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ने कहा कि वह योजना का स्वागत करते हैं क्योंकि यह गरीबों के सही मुद्दों को राजनीतिक चर्चा के केंद्र में लाता है। साथ ही देश में असमानता को भी रेखांकित करता है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement