नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र से पहले पीएम नरेंद्र मोदी कैबिनेट में बदलाव कर सकते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों से 30 जून तक सेल्फ अप्रेजल रिपोर्ट मांगी है। सभी मंत्री अपने कामकाज को लेकर प्रजेंटेशन देंगे। जहां उनकी अप्रेजल रिपोर्ट के बाद कैबिनेट में फेरबदल को लेकर फैसला हो सकता है। 15 जुलाई के बाद शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र से पहले पीएम मोदी अपनी कैबिनेट में बदलाव कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वे कैबिनेट में पंजाब और यूपी के नेताओं को ज्यादा जगह मिल सकती है। इन दो राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
पीएम मोदी ने मंत्रियों से कहा है कि एनडीए सरकार द्वारा पेश किए गए दूसरे बजट के बाद से उन्होंने जो काम किया है, उसका हिसाब-किताब इस मीटिंग में लेकर आएं। उसके बाद ही वे नए चेहरों के नाम तय कर सकते हैं। सूत्रों की मानें तो 30 जून को होने वाली बैठक कैबिनेट में बदलाव से पहले की प्रक्रिया है। पीएम मोदी खुद समय-समय पर विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज का जायजा लेते रहते हैं। चुनावी राज्यों में अटके पड़े विकास कार्यों को जल्द से जल्द पूरा कराने के निर्देश भी प्रधानमंत्री ने दिए हैं।
इस बदलाव में राजस्थान के नेता ओम माथुर और अर्जुन मेघवाल मंत्री बनाए जा सकते हैं। तीन और नेता मंत्री बनने की दौड़ में हैं। यूपी में अगले साल चुनाव के चलते मनोज सिन्हा और संजीव बालियान को प्रमोट किया जा सकता है। फिलहाल दोनों राज्यमंत्री हैं। पावर मिनिस्ट्री का इंडिपेंडेंट चार्ज रखने वाले पीयूष गोयल भी प्रमोट किए जा सकते हैं। इसके अलावा इलाहबाद से सांसद श्याम चरण गुप्ता मंत्री बनाए जा सकते हैं। असम से रमेन डेका और विनय सहस्त्रबुद्धे भी मंत्री बनाए जा सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार के गिरिराज सिंह, नजमा हेपतुल्ला और निहालचंद को हटाया जा सकता है।