Wednesday, April 24, 2024
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जानें PM मोदी ने लोकसभा में क्यों पढ़ा ये शेर, 'जी बहुत चाहता है सच बोलें, क्या करें हौसला नहीं होता'

कल कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने भी बशीर बद्र को उद्धृत करते हुए कहा था कि दुश्नमी जमकर करो, लेकिन ये गुंजाइश रहे जब कभी दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा नहीं हों...

Bhasha Reported by: Bhasha
Updated on: February 07, 2018 19:12 IST
mallikarjun kahrge and pm modi- India TV Hindi
mallikarjun kahrge and pm modi

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मशहूर शायर बशीर बद्र के शेर के जरिये कांग्रेस पर तंज किया जिसमें कहा गया है, ‘‘जी बहुत चाहता है सच बोलें, क्या करें हौसला नहीं होता।’’ मोदी ने कहा कि आलोचना लोकतंत्र की ताकत है, होनी चाहिए। लेकिन लोकतंत्र झूठे आरोप लगाने का हक नहीं देता है, राजनीतिक रोटिया सेंकने के लिए देश को निराश करने का अधिकार किसी को नहीं देता है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कल कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने भी बशीर बद्र को उद्धृत करते हुए कहा था कि दुश्नमी जमकर करो, लेकिन ये गुंजाइश रहे जब कभी दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा नहीं हों।’’

चर्चा का जवाब देते हुए आज लोकसभा में मोदी ने कहा कि कल वह कांग्रेस पार्टी के नेता खड़गे जी का भाषण सुन रहे थे। वे समझ नहीं पा रहे थे कि वे सत्तापक्ष को संबोधित कर रहे थे, आंध्र के लोगों को संबोधित कर रहे थे या अपने ही दल के नीति निर्धारकों को खुश करने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता खड़गे ने अपनी बात बशीर बद्र की शायरी से शुरू की। वह आशा करते हैं कि जो शायरी सुनाई है, वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने जरूर सुनी हो।

खडगे के भाषण के संदर्भ में उन्होंने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने उनकी यह गुहार सुन ली होगी। अच्छा होता उस शायरी की पहली दो लाइन भी याद कर लेते। उन्होंने कहा कि इसमें कहा गया है कि ‘‘जी बहुत चाहता है सच बोलें, क्या करें हौसला नहीं होता।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वे देश की भलाई के लिए किए गए कार्यो में सभी के योगदान को स्वीकार करते हैं। उन्होंने सवाल किया, ‘‘70 साल में लाल किले के कांग्रेस के नेताओं के भाषण निकालिए। किसी ने भी नहीं कहा कि देश में जो प्रगति हो रही है, उसमें सभी सरकारों, पूर्व सरकारों का योगदान है।’’ उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने लाल किले से यह बात कही कि देश जहां है, उसमें पिछली सरकारों, राज्य सरकारों का योगदान है, देश के लोगों का योगदान है।

मोदी ने कहा कि वह जब गुजरात में जब मुख्यमंत्री थे, तब उस कालखंड में स्वर्ण जयंती वर्ष में पहले के सभी राज्यपालों के अभिभाषण निकाले, 50 साल का हिसाब अभिलेख बनाया। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आपने देश को स्वीकार नहीं किया। सब आपने, आपके परिवार ने किया, यह सोच है। इसलिए आज विपक्ष में हैं।''

मोदी ने कहा कि सिर्फ घोषणाएं करके, अखबार की सुर्खियों में छा जाना, जनता की आंखों में धूल झोंकना हमारी संस्कृति नहीं है। हम उन्हीं चीजों को हाथ लगाते हैं जिन्हें पूरा कर सकते हैं। ‘हम अधूरी, अटकी हुई चीजों को पूरा करने का प्रयास करते हैं। क्योंकि हमारा मानना है सरकारें आती जाती रहती हैं लेकिन देश रहता है।’

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