Friday, April 19, 2024
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मतगणना में कथित भेदभाव पर दायर हुई याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा चुनाव आयोग से जवाब

कुछ दिन पहले ही नॉर्थ ईस्ट के तीन राज्यों के नतीजे आए हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: March 06, 2018 8:54 IST
सुप्रीम कोर्ट ने...- India TV Hindi
Image Source : PTI सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से दायर याचिका पर जवाब मांगा है।

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मतों की गणना बूथवार करने के बजाय टोटलाइजर मशीनों का इस्तेमाल करके कराने की मांग वाली एक याचिका पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। केंद्र  ने कहा कि वह किसी तरह के चुनाव सुधार के खिलाफ नहीं है, लेकिन टोटलाइजर मशीनों का इस्तेमाल करके मतगणना करने से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों से आवश्यक रूप से सूचना का प्रवाह होगा। 

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने चुनाव आयोग से कुछ याचिकाओं पर जवाब देने को कहा जिनमें मतगणना के लिए नये तरीके के उपयोग की मांग की गयी है और दावा किया गया है कि बूथवार गिनती से भेदभाव होता है। अतिरिक्त सालिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने कोई तरीका नहीं सुझाया है और चुनाव आयोग को जवाब दाखिल करना चाहिए।  इससे पहले त्रिपुरा के निवर्तमान मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने भी धन बल को अपनी हार का कारण बता चुके हैं। एक इंटरव्यू में माणिक कहा कि चुनाव परिणाम अनपेक्षित थे और राज्य तथा देश के लोगों ने नोटिस किया है कि भाजपा ने किस तरह वाम मोर्चा की सरकार को हटाने के लिए हर तरह से प्रयास किए।

​ उन्होंने कहा कि वास्तव में केंद्र सरकार ने मनरेगा और आवास योजनाओं में केंद्रीय आवंटन को कम कर आर्थिक बाधा पैदा की। वाम दलों ने पूरी ताकत से चुनाव लड़े थे और उनके आशातीत धन बल और मीडिया में लगातार चरित्र हनने के खिलाफ जनता उनकी मुख्य ताकत थी। वह माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य भी हैं। 

 

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