लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के पाठ की तरह देश में लगे आपातकाल की घटनाओं को भी पाठ्यपुस्तकों में अध्याय के तौर पर शामिल किया जाना चाहिये।
अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री नकवी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि देश की करीब 75ज्% आबादी यह नहीं जानती है कि देश में आपातकाल क्यों और किन हालात में लागू किया गया था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान आजादी के चाहने वालों पर हुई ज्यादती की कथाओं की तरह आपातकाल में हुए जुल्मों के बारे में भी लोगों को बताने की जरूरत है।
आपातकाल की 41वीं बरसी पर भाजपा की प्रान्तीय इकाई द्वारा लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आपातकाल की घटनाओं को भी पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया जाना चाहिये। वह सम्बन्धित मंत्रालय से इस सिलसिले में बात करेंगे।
नकवी ने कहा कि लोगों को मालूम होना चाहिये कि हमारी जम्हूरियत की जड़ें कितनी गहरी हैं। आपातकाल के दौरान लोगों ने दिखाया कि वे तानाशाही और अहंकार को बरदाश्त नहीं कर सकते, मगर उसके बाद भी कांग्रेस ने सबक नहीं सीखा और अपनी सामंती मानसिकता को बरकरार रखा। उन्होंने कहा, जब हम कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं, तो उसका मतलब होता है कि हम देश को सामंती सोच, अहंकार और तानाशाही से मुक्त कराना चाहते हैं।
नकवी ने कहा कि भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों को हजम नहीं कर पा रही है, इसलिये तरह-तरह की बाधाएं खड़ी की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे वक्त में जब मोदी दूसरे देशों के साथ भारत के विकास के बारे में विचार-विमर्श कर रहे हैं, कांग्रेस के युवराज :राहुल गांधी: ऐसे विश्वविद्यालय जाकर हिमायत करते हैं, जहां भारत-विरोधी नारे उछाले जा रहे थे।