लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को मायावती पर टिकट बेचने का गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि मायावती के भीतर पैसे की हवस पैदा हो गई है। विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मौर्य ने मायावती पर तीखा हमला बोला।
मौर्य ने कहा, "मनुवादी व्यवस्था में चौथे पायदान पर रहने वाले दलितों के उत्थान के लिए कांशीराम ने बसपा बनाई थी। इस पार्टी ने 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी भागीदारी' की मूल भावना से काम करते हुए समाज में एक स्थान बनाया और दलित मूवमेंट को गति दी, लेकिन मायावती धन के लालच और मनुवादियों के मोह में फंसकर कांशीराम के सपनों का सौदा कर रही हैं। इसलिए मैंने पत्र लिखकर मायावती को अपना इस्तीफा भेज दिया है।"
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मौर्य ने कैडर के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और उन्हें दलित महापुरुषों से जुड़े कार्यक्रमों में जाने से रोकने का आरोप लगाते हुए कहा, "मुझे विचार रखने से रोका गया। विचारों की आजादी छीनने की कोशिश हुई। ऐसे में पार्टी में घुटन हो रही थी। इस्तीफा देकर अब हल्का महसूस कर रहा हूं।"
एक सवाल के जवाब में मौर्य ने कहा, "मैं विधायक रहूंगा या नहीं, यह पडरौना की जनता को तय करने का हक है। मायावती यह नहीं तय करेंगी। पडरौना पहुंचकर मैं अपने कार्यकर्ताओं से बात करूंगा और आगे की रणनीति तय होगी।"
मौर्य ने मायावती पर भारतीय जनता पार्टी की मदद करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "मैं दलितों और पिछड़ों के हितों के लिए काम करता रहूंगा। पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हमेशा मेरे प्रिय रहे हैं और उनके लिए काम करते रहना मेरा दायित्व है।"