Thursday, April 18, 2024
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मप्र: दिग्विजय सिंह के खिलाफ पार्टी और सरकार में उठने लगे विरोध के स्वर!

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 21, 2019 21:33 IST
Digvijay Singh- India TV Hindi
Digvijay Singh

भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता में वापसी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कथित तौर पर सत्ता में बढ़ते दखल को संगठन से जुड़े नेता पचा नहीं पा रहे हैं। यही कारण है कि दिग्विजय सिंह के खिलाफ कई नेता खुलकर तो कुछ दबे स्वर में सवाल खड़े कर रहे हैं। वन मंत्री उमंग सिंघार ने तो सिंह को उन्हीं के बेटे मंत्री जयवर्धन सिंह द्वारा सिंहस्थ घोटाले पर दी गई क्लीनचिट का जिक्र कर आइना दिखाया है।

राज्य के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मंदसौर में किसान गोली कांड, नर्मदा नदी के तट पर पौधरोपण में घोटाला और सिंहस्थ घोटाले को मुददा बनाया। साथ ही वचन पत्र में वादा किया कि सत्ता में आने के बाद इन मामलों के दोषियों को सजा दिलाई जाएगी। यह तीनों मामले चुनावी मुद्दे रहे। कांग्रेस की डेढ़ दशक बाद हुई सत्ता में वापसी के बाद विधानसभा के दूसरे सत्र में इन तीनों ही मामलों में मंत्रियों के जवाबों ने सरकार की मुसीबतें बढ़ा दी, क्योंकि तीनों ही मंत्रियों ने विधानसभा में किसी भी तरह का घोटाला न होने की बात कही।

तीन मंत्रियों के बयानों पर पूर्व मुख्यंमंत्री दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया आई। इसमें दिग्विजय सिंह ने गृहमंत्री बाला बच्चन और वन मंत्री उमंग सिंघार पर तल्ख टिप्पणी की। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि राज्य के गृहमंत्री ने मंदसौर के किसानों पर जो गोली चलाई गई थी उसे भी सही ठहरा दिया, यह तो हम स्वीकार नहीं कर सकते, वहीं वन मंत्री ने बयान दे दिया कि नर्मदा किनारे जो पेड़ लगाए गए वह सही लगाए गए, भ्रष्टाचार नहीं हुआ है, मैं 3100 किलो मीटर की पैदल चला हूं, यह भी पता लगाएं कि वे (वनमंत्री) कितना पैदल चले हैं। यह तो भाजपा को एक तरह से क्लीनचिट ही दे दी, सवाल उठता है कि क्या जरूरत है मंत्री को यह तय करने की।"

दिग्विजय का बयान आने पर गृहमंत्री बाला बच्चन ने तो खुलकर सफाई दी और कहा कि उनकी ओर से कोई क्लीन चिट नहीं दी गई, मगर वन मंत्री उमंग सिंघार ने पत्र लिखकर दिग्विजय को ही आईना दिखाने का काम किया है। सिंघार ने दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह जो नगरीय प्रशासन मंत्री हैं, द्वारा विधानसभा में सिंहस्थ घोटाले में कोई गड़बड़ी न होने के जवाब की फोटो कॉपी भी पत्र के साथ भेजी है। सिंघार ने दिग्विजय सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि पौधरोपण में गड़बड़ी हुई है, इसको लेकर विभाग की ओर से पूर्ववर्ती सरकार को कोई क्लीनचिट नहीं दी गई है। 17 जनवरी को ही प्रधान मुख्य वन संरक्षक को समिति गठित कर जांच करने को कहा गया है। यह समिति एक माह में अपनी रिपेार्ट देगी।

सिंघार ने दिग्विजय सिंह के बयान पर एतराज जताते हुए कहा है कि पहले विधानसभा में दिए गए उत्तर का अध्ययन कर लेते और मीडिया में जाने से पहले मुझ से चर्चा कर लेते तो यह स्थिति नहीं बनती। सिंघार ने दिग्विजय सिंह को आईना भी दिखाया है कि उनके बेटे ने तो सिंहस्थ घोटाले पर क्लीनचिट दे दी है। सिंघार ने लिखा है कि नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि सिंहस्थ घोटाले में विभाग को क्लीन चिट दे दी गई है। सभी के साथ न्याय करें और प्रदेश में पार्टी कैसे मजबूत हो इसके लिए आपको सोचना चाहिए।

राजनीतिक जानकार गिरिजा शंकर का कहना है कि दिग्विजय सिंह का बढ़ता हस्तक्षेप उनके ही नेताओं के लिए असहनीय हो रहा है। दिग्विजय अगर मंत्रियों की बात से असहमत थे तो ठीक वैसा ही करना चाहिए था जैसा जयवर्धन के साथ किया। सार्वजनिक तौर पर कही गई बात किसी को भी बुरी लग सकती है। सिंघार के पत्र लिखे जाने से एक बात तो साफ हो गई है कि मंत्रियों में दिग्विजय के विरोध में स्वर उठ रहे हैं।

निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह उर्फ शेरा भैया का कहना है कि राज्य सरकार में दिग्विजय सिंह का दखल बना हुआ हैं। तबादले व तैनाती में दिग्विजय सिंह की ही चल रही है, कमलनाथ तो वचन पत्र को पूरा करने में लगे हैं। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व विधायक प्रदीप लारिया ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर मंत्रियों पर अनुचित दवाब बनाने का आरोप लगाया। दिग्विजय सिंह ने अपने बेटे जयवर्धन को बचाते हुए सिंघार व बाला बच्चन के खिलाफ टिप्पणी की, उन्हें अपमानित करने की कोशिश की, क्योंकि यह दोनों मंत्री आदिवासी वर्ग से हैं।

दिग्विजय सिंह का बयान आने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कह चुके है कि पौधरोपण घोटाले, सिंहस्थ घोटाले, मंदसौर गोलीकांड के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। कुल मिलाकर कांग्रेस के भीतर अब दिग्विजय सिंह के खिलाफ विरोधी स्वर की गूंज सुनाई देने लगी है।

गौरतलब है कि राज्य के मुख्य सचिव बनाए गए एस.आर. मोहंती व पुलिस महानिदेशक वीके सिंह को दिग्विजय सिंह का करीबी माना जाता है। दोनों अफसरों की नियुक्ति के पीछे भी दिग्विजय सिंह का बरदहस्त होने की बात कही जा रही है। इसके बाद से ही राज्य की नौकरशाही और आमजन के बीच यह संदेश जा रहा है कि सरकार को अपरोक्ष रूप से दिग्विजय सिंह चला रहे हैं। यही कारण है कि कई नेताओं ने दिग्विजय के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया है।

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