Friday, March 29, 2024
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कमलनाथ सरकार का एक और फैसला, आपातकाल के सेनानियों को दी जाने वाली पेंशन पर रोक

उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान वर्ष 1975 से 1977 के बीच लगे आपातकाल में जेल में डाले गए लोगों को मीसाबंदी पेंशन योजना के तहत मध्य प्रदेश में करीब 4000 लोगों को 25,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाती है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 03, 2019 20:49 IST
kamal nath- India TV Hindi
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भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर मीसाबंदियो को दी जाने वाली पेंशन को इस महीने से अस्थाई तौर पर बंद कर दिया है और बैंकों को भी इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मीसाबंदी पेंशन को लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि के नाम से भी जाना जाता है।

इस संबंध में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने गत 29 दिसंबर को सर्कुलर जारी कर मीसाबंदी पेंशन योजना की जांच के आदेश दिए। सरकार ने बैंकों को भी मीसाबंदी के तहत दी जाने वाली पेंशन जनवरी 2019 से रोकने के निर्देश जारी किए हैं।

सर्कुलर के मुताबिक लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि भुगतान की वर्तमान प्रक्रिया को और अधिक सटीक एवं पारदर्शी बनाया जाना आवश्यक है। साथ ही लोकतंत्र सैनिकों का भौतिक सत्यापन कराया जाना भी आवश्यक है। अत: आगामी माह से लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि राशि का वितरण अगली कार्यवाही होने के पश्चात किया जाए।

उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान वर्ष 1975 से 1977 के बीच लगे आपातकाल में जेल में डाले गए लोगों को मीसाबंदी पेंशन योजना के तहत मध्य प्रदेश में करीब 4000 लोगों को 25,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाती है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने साल 2008 में इस योजना की शुरूआत की थी।

इस बीच प्रदेश भाजपा महासचिव विष्णु दत्त शर्मा ने बताया ने मीसाबंदियों की पेंशन बंद करने के कदम को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, ‘‘हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे।’’

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