Friday, March 29, 2024
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सुब्रह्मण्यम स्वामी ने लेनिन को आतंकी कहा, त्रिपुरा में जीत के बाद मूर्ति पर बुलडोजर

स्वामी ने लेनिन को हजारों लोगों की हत्‍या का जिम्‍मेदार बताया है। बता दें कि दक्षिणी त्रिपुरा बेलोनिया टाऊन में कॉलेज स्क्वायर पर लगी कम्युनिस्ट आइकन लेनिन की मूर्ती सोमवार दोपहर को गिरा दी गई।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 06, 2018 14:21 IST
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सुब्रह्मण्यम स्वामी ने लेनिन को आतंकी कहा, त्रिपुरा में जीत के बाद मूर्ति पर बुलडोजर

नई दिल्ली: त्रिपुरा में 25 साल पुरानी लेफ्ट सरकार के जाते ही कम्युनिस्ट पार्टी के दफ्तरों और समर्थकों पर हमले का सिलसिला शुरू हो गया है जिसके बाद त्रिपुरा पुलिस ने अगरतला समेत त्रिपुरा के ज्यादातर हिस्सों में धारा 144 लागू कर दी है। लगातार हो रही हिंसा को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने त्रिपुरा के गवर्नर और डीजीपी से बात की है और शांति बनाए रखने का निर्देश दिया है। दक्षिणी त्रिपुरा के बेलोनिया में भाजपा समर्थकों पर लेनिन की मूर्ति तोड़ने का आरोप लगा है। लेनिन की मूर्ति को तोड़ने को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी ने विवादित बयान दिया है। स्वामी ने लेनिन की तुलना आतंकवादी से की।

स्वामी ने लेनिन को हजारों लोगों की हत्‍या का जिम्‍मेदार बताया है। बता दें कि दक्षिणी त्रिपुरा बेलोनिया टाऊन में कॉलेज स्क्वायर पर लगी कम्युनिस्ट आइकन लेनिन की मूर्ती सोमवार दोपहर को गिरा दी गई। ये मूर्ती पिछले पांच साल से यहां खड़ी थी। 48 घंटे पहले चुनावी नतीजों से उत्साहित लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाते हुए मूर्ती को जमीन पर गिरा दिया। इस काम के लिए जीसीबी मशीन भी मंगवाई गई। सीपीएम जहां इसे कम्युनिस्ट फोबिया का एक उदाहरण बताया तो वहीं बीजेपी ने इसे कम्युनिस्टों के खिलाफ लोगों के गुस्सा बताया है।

कौन थे लेनिन?

-1917 में रूस की क्रांति के नायक थे व्लादिमीर लेनिन
-गरीबों, मजदूरों के हक की आवाज उठाने का काम किया
-लेनिन ने 1917 में रूस में कम्युनिस्ट सरकार की स्थापना की
-लेनिन के कम्युनिस्ट सिद्धांत और नीति को लेनिनवाद कहते हैं
-वामपंथी विचारधारा में लेनिनवाद का अहम योगदान है

यहां के एक स्थानीय नेता ने बताया कि मुझे प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि मूर्ती को गिराकर सर को अलग कर लिया गया और लेनिन की मूर्ती से सर को तोड़कर भाजपा कार्कर्ताओं ने इससे फुटबॉल खेली। वहीं इस पूरी घटना के दौरान जीसीबी चला रहे आशीष पाल को इस घटना के बाद गिरफ्तार कर लिया हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई। ये मूर्ती साल 2013 में विधानसभा चुनाव जीतते के बाद लगाई गई थी। इसे बनाने में तीन लाख रुपए का खर्चा आया था। वहीं भाजपा नेता इसे लोगों की नाराजगी बता रहे हैं।

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