Thursday, April 25, 2024
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सिंधिया ने किया नागरिकता बिल का विरोध, बोले- यह भारतीय संस्कृति और संविधान के खिलाफ

नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि यह प्रस्तावित कानून देश की संस्कृति की "वसुधैव कुटुम्बकम्" की हजारों साल पुरानी अवधारणा और डॉ. भीमराव आम्बेडकर रचित संविधान के खिलाफ है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 11, 2019 15:40 IST
Jyotiraditya Scindia- India TV Hindi
Jyotiraditya Scindia

इंदौर (मध्यप्रदेश): नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि यह प्रस्तावित कानून देश की संस्कृति की "वसुधैव कुटुम्बकम्" की हजारों साल पुरानी अवधारणा और डॉ. भीमराव आम्बेडकर रचित संविधान के खिलाफ है।

सिंधिया ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हमारे संविधान के निर्माता बाबा साहब आंबेडकर ने कहा था कि भारत में बसे हर व्यक्ति को किसी जाति या धर्म विशेष के दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि देश के एक नागरिक के रूप में देखा जाएगा। ऐसे में यह विधेयक (नागरिकता संशोधन विधेयक) संविधान की मूल भावना के विपरीत है, क्योंकि देश के नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर पहले कभी नहीं देखा गया था।"

उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) भारतीय संस्कृति की "वसुधैव कुटुम्बकम्" (पूरी पृथ्वी ही एक परिवार है) की उस हजारों साल पुरानी अवधारणा के भी खिलाफ है जिसके तहत देश की माटी ने हमेशा सबको अपनाया है। सिंधिया ने कहा, "कांग्रेस ही नहीं, बहुत सारी पार्टियां इस विधेयक के खिलाफ हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों और कुछ अन्य सूबों में लोग सड़क पर उतरकर इसका विरोध कर रहे हैं।"

मध्यप्रदेश में यूरिया की किल्लत से किसानों की परेशानी के बारे में पूछे जाने पर 48 वर्षीय कांग्रेस नेता ने कहा, "यह मुद्दा हमने केंद्र सरकार के सामने भी उठाया है। लेकिन अफसोस कि बात है कि केंद्र सरकार सूबे की मदद नहीं कर रही है।" पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "जब कांग्रेस केंद्र की सत्ता में थी, तब हमारी सरकार सभी राज्यों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया देती थी।"

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