Thursday, April 18, 2024
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J&K: निकाय चुनाव के अंतिम चरण में फीका रहा मतदान, घाटी में महज 4.2 प्रतिशत मतदान

आतंकवादियों ने चुनाव में किसी के भी हिस्सा लेने को लेकर धमकियां जारी की थीं जिसके चलते किसी भी उम्मीदवार ने चुनाव प्रचार नहीं किया। आतंकवादियों ने नेकां के दो कार्यकर्ताओं की हत्या भी कर दी थी।

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Published on: October 16, 2018 19:57 IST
A security personnel stands guard as people wait in queues...- India TV Hindi
A security personnel stands guard as people wait in queues to cast their votes at a polling station

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में चार चरणों में हुए शहरी स्थानीय निकाय चुनाव मंगलवार को संपन्न हो गए। घाटी में आखिरी चरण में भी कम मतदान का चलन जारी रहा जहां आतंकवाद प्रभावित कश्मीर घाटी में कुल 4.2 प्रतिशत मतदाताओं ने ही मतदान किया। अधिकारियों ने बताया कि मतों की गिनती 20 अक्टूबर को की जाएगी।

श्रीनगर और गांदरबाल जिलों के 308 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान सुबह छह बजे प्रारंभ हुआ और शाम चार बजे समाप्त हुआ। अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर नगर निगम के 24 वार्डों के 2.42 लाख मतदाताओं में से केवल 9,678 (चार प्रतिशत) मतदाताओं ने वोट डाला। गांदरबाल में 8,908 में से 10.8 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान के अपने अधिकार का उपयोग किया।

कश्मीर घाटी में छह जिलों में फैले आठ नगर निकायों में चौथे और अंतिम चरण का मतदान होना था लेकिन इन आठ में से केवल दो निकायों के लिए ही मतदान हुआ। शेष छह निकायों के लिए मतदान नहीं हुआ क्योंकि यहां या तो निर्विरोध जीत हासिल की गई या कोई नामांकन ही नहीं दाखिल हुआ।

अधिकारियों ने बताया कि चौथे चरण में दो शहरी स्थानीय निकायों के 36 वार्डों के लिए कुल 151 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। श्रीनगर नगर निगम के 24 वार्डों के लिए 113 उम्मीदवार मैदान में थे जहां कुल 2,41,043 मतदाता हैं और चुनाव के लिए यहां 295 मतदान केन्द्र बनाए गए थे। मतदान केन्द्र संख्या नौ- मखदूम साहब (वार्ड संख्या41) के बचीदरवाजा के लिए पुनर्मतदान हुआ जहां पांच उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 1,260 है लेकिन मंगलवार को केवल 262 मत पड़े।

अधिकारियों ने बताया कि चुनावी प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। इन चुनावों की घोषणा पिछले महीने की गई थी लेकिन उच्चतम न्यायालय में संविधान के अनुच्छेद 35ए को कानूनी चुनौती देने की वजह से राज्य की दो प्रमुख पार्टियों- नेशनल कॉन्फ्रेन्स और पीडीपी ने चुनावों का बहिष्कार किया।

आतंकवादियों ने चुनाव में किसी के भी हिस्सा लेने को लेकर धमकियां जारी की थीं जिसके चलते किसी भी उम्मीदवार ने चुनाव प्रचार नहीं किया। आतंकवादियों ने नेकां के दो कार्यकर्ताओं की हत्या भी कर दी थी।

घाटी में निकाय चुनाव के पहले तीन चरणों में बेहद कम मतदान दर्ज किया गया था। आठ अक्टूबर को पहले चरण में 83 वार्डों के लिए 8.3 प्रतिशत मतदान हुआ वहीं 10 अक्टूबर को हुए दूसरे चरण में बेहद खराब 3.4 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। कश्मीर में 13 अक्टूबर को हुए तीसरे चरण के नगर निकाय चुनाव में भी महज 3.49 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।

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