Saturday, April 27, 2024
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ये हैं वो कारण जिसके चलते राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग की

पीडीपी की तरफ से महबूबा मुफ्ती की तरफ से चिट्ठी भेजकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था इसके कुछ देर बाद ही सज्जाद लोन ने भी राज्यपाल को एक चिट्ठी भेजकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 21, 2018 22:40 IST
Satyapal mallik- India TV Hindi
Satyapal mallik

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य में सरकार बनाने की सभी संभावनाओं पर विराम लगाते हुए विधानसभा भंग कर दी। पीडीपी की तरफ से महबूबा मुफ्ती की तरफ से चिट्ठी भेजकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था इसके कुछ देर बाद ही सज्जाद लोन ने भी राज्यपाल को एक चिट्ठी भेजकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। दो-दो दावों के बीच हॉर्स ट्रेडिंग की संभावना के मद्देनजर राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दी।

पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस की मदद से सरकार बनाने की कोशिश कर थी। वहीं पीडीपी के अंदरखाने भी बगावत के स्वर तेजी से उभर रहे थे। तमाम दल विधायकों को अपनी तरफ लेकर गठबंधन की जुगाड़ में थे। इस कोशिश के तहत पीडीपी ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की मदद से सरकार बनाने की कोशिशें तेज कर दी थी। 

दूसरी तरफ सज्जाद लोन बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने राज्यपाल को भेजी चिट्ठी में बीजेपी और अन्य 18 विधायकों की मदद से सरकार बनाने का दावा पेश किया था। जब दो धड़े इस तरह से सरकार बनाने का दावा पेश कर रहे हों तब राज्यपाल के पास संविधान प्रदत शक्तियों का उपयोग करते हुए एक नैतिक फैसला लेना होता है। निश्चित तौर पर ऐसी स्थिति में हॉर्स ट्रेडिंग की संभावनाएं बढ़ जाती हैं इसलिए राज्यपाल ने विधानसभा भंग करने का फैसला लिया।

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