Thursday, April 25, 2024
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भाजपा नेताओं ने कहा- अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जरूरी और महत्वपूर्ण है

उच्चतम न्यायालय द्वारा मध्यस्थता के जरिये समयबद्ध तरीके से बहुप्रतीक्षित अयोध्या मामले के समाधान के बाद भाजपा नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण इस गतिरोध को दूर करने का एकमात्र रास्ता है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 08, 2019 19:07 IST
Important and essential to build Ram temple at Ayodhya: BJP leaders- India TV Hindi
Important and essential to build Ram temple at Ayodhya: BJP leaders

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय द्वारा मध्यस्थता के जरिये समयबद्ध तरीके से बहुप्रतीक्षित अयोध्या मामले के समाधान के बाद भाजपा नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण इस गतिरोध को दूर करने का एकमात्र रास्ता है। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि सभी को उच्चतम न्यायालय के आदेश का सम्मान करना चाहिए, साथ ही जोर दिया कि वह अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की पक्षधर है।

उन्होंने कहा कि वह न्यायालय के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती है लेकिन मंदिर का निर्माण वहां होना चाहिए जहां भगवान राम का जन्म हुआ। भाजपा महासचिव मुरलीधर राव ने कहा कि इस विवाद को लम्बे समय तक लंबित रखना किसी के हित में नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘इस मुद्दे का समाधान जरूरी है लेकिन श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण जरूरी और महत्वपूर्ण है। इसे लम्बे समय तक लंबित नहीं रखा जा सकता है।’’ भाजपा नेता सुब्रमण्यम 

स्वामी ने जोर देते हुए कहा कि राम मंदिर के निर्माण पर कोई सवाल खड़ा नहीं किया जा सकता। ‘‘जहां भगवान राम का जन्म हुआ, वहां मंदिर का निर्माण नहीं होने का कोई सवाल ही नहीं है। अयोध्या में मंदिर का निर्माण होना चाहिए।’’ भाजपा जोर देती रही है कि भव्य राम मंदिर का निर्माण उस स्थान पर होना चाहिए जहां हिन्दू मान्यता के अनुसार भगवान राम का जन्म हुआ।केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि उन्हें अदालत के फैसले पर कुछ नहीं कहना है, साथ ही मुस्लिम समुदाय से कहा कि वे इस विषय पर जिद न करें। उन्होंने राम मंदिर के निर्माण की वकालत की। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या मक्का, मदीना में मस्जिद के अलावा कुछ हो सकता है? क्या हिन्दुओं को यह अधिकार नहीं है कि वे अयोध्या में भगवान राम की पूजा करें।’’ 

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का सर्वमान्य समाधान खोजने के लिये शुक्रवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एफएमआईकलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति गठित कर दी। इस समिति को आठ सप्ताह के भीतर मध्यस्थता की कार्यवाही पूरी करनी है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने आदेश में कहा कि मध्यस्थता के लिये गठित समिति के अन्य सदस्यों में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पांचू शामिल हैं। पीठ ने कहा कि समिति, आवश्यकता हो तो, इसमें और सदस्य शामिल कर सकती है। 

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