Saturday, April 20, 2024
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कर्नाटक: कांग्रेस विधायकों को रिसॉर्ट ले जाया गया, विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचे 4 MLA

कर्नाटक में भाजपा द्वारा गठबंधन सरकार के कथित तख्तापलट की कोशिशों के बीच शक्ति प्रदर्शन के तौर पर शुक्रवार को यहां आयोजित की गई कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में चार नाराज विधायक नहीं पहुंचे।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 18, 2019 23:58 IST
Karnataka Congress MLA- India TV Hindi
Karnataka Congress MLA

बेंगलुरु: कर्नाटक में भाजपा द्वारा गठबंधन सरकार के कथित तख्तापलट की कोशिशों के बीच शक्ति प्रदर्शन के तौर पर शुक्रवार को यहां आयोजित की गई कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में चार नाराज विधायक नहीं पहुंचे। कांग्रेस चारों विधायकों को नोटिस जारी कर इस पर जवाब मांगेगी। चार विधायकों की गैरमौजूदगी से एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सात महीने पुरानी कांग्रेस-जल(एस) ग‍ठबंधन सरकार को तत्काल कोई खतरा नहीं है लेकिन इससे संकेत मिलते हैं कि कांग्रेस में सबकुछ ‍ठीक नहीं है जो विधायकों की नाराजगी से प्रभावित है। 

सिद्धरमैया ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी अपने विधायकों को भाजपा के ''हमले'' से ''बचाने'' के लिए एक रिसार्ट ले जा रही है।  सिद्धरमैया ने कहा, "हमारे सभी विधायक एक साथ रहेंगे। हम वहां सूखे की स्थिति पर चर्चा करेंगे। हमारे सभी विधायक, सांसद और मंत्री एक स्थान पर रहेंगे...जब तक जरूरी होगा, हम रहेंगे।" उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, "हम पार्टी के मुद्दों के बारे में चर्चा करेंगे...भाजपा के हमले से बचने के लिए। हम सूखा, लोकसभा चुनाव के बारे में भी चर्चा करेंगे।" 

बै‍ठक से पहले कांग्रेस विधायकों को जारी नोटिस में सीएलपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने चेतावनी दी थी कि विधायकों की गैरमौजूदगी को “गंभीरता” से लिया जाएगा और दल-बदल विरोधी कानून के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सिद्धरमैया ने कहा कि कांग्रेस बैठक के दौरान अनुपस्थित रहने वाले इन चारों विधायकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगेगी। 

जब बैठक चल रही थी तब कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि गैरमौजूद विधायकों में रमेश जारखिहोली, बी नागेंद्र, उमेश जाधव और महेश कुमाताहल्ली थे। माना जा रहा है कि रमेश जारखिहोली हाल में मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान अपना नाम मंत्री पद से हटाए जाने से बेहद नाराज थे। जाधव ने सिद्धारमैया को लिखा कि बैठक के बारे में एक पत्र विधायक आवास में उनके कक्ष के बाहर चस्पा कर दिया गया लेकिन वह बीमार होने की वजह से सफर करने में सक्षम नहीं हैं इसलिये बैठक में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने अनुरोध किया कि उनकी अनुपस्थिति को “माफ” किया जा सकता है। नागेंद्र ने गुरुवार को कहा था कि एक अदालती मामले की वजह से वह सीएलपी बैठक में मौजूद नहीं रह पाएंगे। 

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सिद्धरमैया, अखिलभारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव के सी वेणुगोपाल और प्रदेश इकाई के नेता इस बैठक में मौजूद रहे। सीएलपी बैठक से पहले कांग्रेस में वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने जोर देकर कहा कि ग‍ठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने सरकार को अस्थिर करने के “विफल प्रयास” करने के लिये भगवा दल पर निशाना साधते हुए कहा कि उसकी साजिश का पर्दाफाश हो चुका है। 

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने कहा, “सभी संपर्क में हैं, आप यह नहीं कह सकते कि कोई एक व्यक्ति संपर्क में नहीं है...आपने (मीडिया ने) उन लोगों की सूची बाहर कर दी जो पार्टी से अलग हो सकते थे। उनमें से अधिकतर आए हैं, दूसरे भी आएंगे।” उन्होंने यह भी कहा, “चाहे जो भी हो, इस सरकार को कोई खतरा नहीं है। यह पांच साल पूरे करेगी। भाजपा सरकार को अस्थिर करने के विफल प्रयास कर रही है।” 

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