Saturday, April 20, 2024
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आजम खान खुद सोचें कि वह सांसद कहलाने के लायक हैं या नहीं: पूर्व लोकसभा अध्यक्ष

आजम खान की टिप्पणी पर आक्रोश जताते हुए सुमित्रा महाजन ने कहा, "अमर्यादित बात करने के बाद खान पीठासीन सभापति को अपनी बहन बताने लगे लेकिन खान ने संसद में जिस तरह की शेरो-शायरी सुनाई वैसी किसी बहन को नहीं सुनाई जाती है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 25, 2019 20:56 IST
Sumitra Mahajan- India TV Hindi
Sumitra Mahajan

इंदौर: लोकसभा की पीठासीन सभापति रमा देवी पर समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की अमर्यादित टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बृहस्पतिवार को कहा कि खान को अपने भीतर झांक कर सोचना चाहिए कि वह सांसद कहलाने के लायक हैं या नहीं। महाजन ने यहां संवाददाताओं से कहा, "यह किसी महिला या पुरुष की गरिमा की बात भर नहीं है, खान ने अमर्यादित टिप्पणी कर पूरी संसद के सम्मान एवं परंपरा को ठेस पहुंचाई है।"

उन्होंने कहा, "खान को संसद की आसंदी से क्षमा याचना के साथ स्वीकार करना चाहिए कि उन्होंने संसदीय परंपराओं का उल्लंघन किया है। इस बात पर भी विचार किया जाना चाहिए कि जब तक वह माफी नहीं मांगें तब तक उन्हें सदन में बोलने की अनुमति ही नहीं दी जाए।"

महाजन ने कहा, "संसद के सदस्य बनने के बाद सांसद एक-दूसरे के साथ सम्मानजनक व्यवहार करते हैं। अगर यह व्यक्ति (खान) इतनी-सी बात समझ ही नहीं पा रहा है तो उन्हें अपने मन में स्वयं विचार करना पड़ेगा कि वह संसद के सदस्य कहलाने के लायक हैं या नहीं।" खान की टिप्पणी पर आक्रोश जताते हुए भाजपा की वरिष्ठ नेता ने कहा, "अमर्यादित बात करने के बाद खान पीठासीन सभापति को अपनी बहन बताने लगे लेकिन खान ने संसद में जिस तरह की शेरो-शायरी सुनाई वैसी किसी बहन को नहीं सुनाई जाती है। बहन की आंखों में देखते वक्त भाई की आंखों में मर्यादा रहती है।"

यह पूछे जाने पर कि खान के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए उन्होंने कहा, "खान को संसद से कुछ दिन के लिए निलंबित करने भर से काम नहीं चलेगा। मुझे लगता है कि उन जैसे लोगों को सात दिन तक विशेष प्रशिक्षण देने की जरूरत है ताकि उन्हें पता चल सके कि संसद के सदस्य को सदन में किस तरह मर्यादित बर्ताव करना चाहिए।" महाजन ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा, "मुझे समझ नहीं आता कि अखिलेश को क्या हो गया है? वह एक राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह (अमर्यादित टिप्पणी मामले में) खान का पक्ष क्यों ले रहे हैं?"

वरिष्ठ नेता ने एक सवाल पर आश्चर्य जताया कि तीन तलाक प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले विधेयक का विरोध क्यों किया जा रहा है? महाजन ने कहा, "मैं टीवी पर देख रही थी कि संसद में इस विधेयक पर किस तरह चर्चा हो रही है। इस दौरान मैं एआईएमआईएम के नेता असदउद्दीन ओवैसी को सुन रही थी। ऐसा कहा गया कि इस्लामी नजरिए में निकाह को जन्म-जन्मांतर का रिश्ता नहीं माना जाता लेकिन मैं कहना चाहूंगी कि निकाह इस जन्म का रिश्ता तो है और इस रिश्ते में पत्नी के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाना चाहिए।"

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