
वड़ोदरा: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद वरुण गांधी ने सांसदों का वेतन और भत्ते तय करने के लिए एक‘‘ बाहरी संस्था’’ का आज सुझाव दिया। उन्होंने दावा किया कि पिछले 6 वर्षों में इसे चार बार बढ़ाया गया और सवाल किया कि क्या‘‘ हमने वास्तव में इस भारी वेतन बढोत्तरी को हासिल किया है।’’
वरुण ने यहां नवरचना विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ एक संवाद कार्यक्रम‘‘ आइडियाज फॉर ए न्यू इंडिया’’ में कहा कि व्यवधानों के कारण संसद चलने के दिनों की संख्या कम होने के बावजूद सांसदों के भत्तों में बढोत्तरी हो रही है।
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद ने कहा,‘‘ सांसदों का वेतन पिछले छह वर्षों में चार बार बढ़ाया गया लेकिन संसद एक वर्ष में केवल 50 दिन ही चली जबकि 1952-72 के दौरान संसद 130 दिन चलती थीं। हमने वास्तव में इस भारी बढोत्तरी से क्या हासिल किया है।’’
Always great to be back in the beautiful and cultured city of Vadodara. Spoke to the students of Navrachana University. pic.twitter.com/5kuaayW77S
— Varun Gandhi (@varungandhi80) March 19, 2018
उन्होंने कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को एक पत्र लिखा था और उनसे एक‘‘ अभियान’’ शुरू करने और‘‘ अमीर सांसदों’’ को अपने शेष कार्यकाल के लिए अपना वेतन छोड़ने के लिए कहने का सुझाव दिया था।
वरुण ने कहा,‘‘ लोकसभा में 180 सांसद और राज्यसभा में 75 सासंदों ने अपनी आय 25 करोड़ और इससे अधिक दिखाई है। यदि वे अपना वेतन छोड़ दें तो सैकड़ों करोड़ रुपये की बचत होगी और सरकारी खजाने को मदद मिलेगी।’’
भाजपा सांसद ने कहा कि संसद में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए और इन सीटों पर शिक्षिकाओं, वकीलों और चिकित्सकों जैसी आम महिलाओं के चुने जाने को बढावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।