नई दिल्ली: दिल्ली सरकार द्वारा संसदीय सचिव बनाए गए आम आदमी पार्टी (AAP) के 21 विधायकों के खिलाफ लाभ के पद के मामले में चुनाव आयोग 14 जुलाई से व्यक्तिगत सुनवाई करेगा। पिछले महीने चुनाव आयोग की ओर से जारी नोटिस के जवाब में इन 21 विधायकों ने व्यक्तिगत स्तर की सुनवाई की मांग की थी। इनको अयोग्य ठहराए जाने की मांग वाली याचिका वकील प्रशांत पटेल ने दायर की है।
संसदीय सचिव के पद से कोई आर्थिक लाभ नहीं होने का दावा करते हुए इन विधायकों ने कहा कि यह पद बिना किसी लाभ या अधिकार के है। आप ने दिल्ली सरकार के मंत्रियों के सहयोग के लिए 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया था। इसके बाद सरकार ने दिल्ली विधानसभा सदस्यता अधिनियम-1997 में संशोधन का प्रयास किया।
इससे जुड़े विधेयक को उप राज्यपाल नजीब जंग ने केंद्र को भेजा। इसके तहत आप अयोग्यता के प्रावधानों से विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्ति किए जाने की तिथि से छूट चाहती है। राष्ट्रपति की ओर से विधेयक को संतुति प्रदान करने से इंकार किए जाने के बाद चुनाव आयोग ने इस फैसले का संग्यान लिया।
विपक्ष ने इन विधायकों की संसदीय सचिव नियुक्त किए जाने को लेकर सवाल खड़े किए थे।