Tuesday, April 23, 2024
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चुनाव आयोग ने संसदीय सचिव मामले में आप से पूछे 11 सवाल

नयी दिल्ली: चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाने को लेकर दिल्ली के चीफ सेक्रेट्री को नोटिस भेजा है। इस नोटिस में केजरीवाल सरकार से आयोग ने ग्यारह सवाल

India TV News Desk India TV News Desk
Published on: June 30, 2016 11:57 IST
Arvind-Kejriwal- India TV Hindi
Arvind-Kejriwal

नयी दिल्ली: चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाने को लेकर दिल्ली के चीफ सेक्रेट्री को नोटिस भेजा है। इस नोटिस में केजरीवाल सरकार से आयोग ने ग्यारह सवाल पूछे है। आयोग ने पूछा है कि किन नियमों के तहत AAP के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया ।

चुनाव आयोग ने इन 21 संसदीय सचिवों के पद create करने से जुड़ी आदेश की कॉपी के साथ-साथ सभी संसदीय सचिवों के नियुक्ति पत्र की भी मांग की है।

केजरीवाल सरकार से EC  के सवाल      

किन नियमों के तहत AAP के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया ?

क्या 21 संसदीय सचिव वेतन और मानदेय भत्ते पाने के योग्य हैं ?
क्या संसदीय सचिवों को कोई वेतन-भत्ता ऑफर किया गया था ?
क्या संसदीय सचिवों को आवास की सुविधा मुहैया करवाई गई ?
क्या संसदीय सचिवों को ऑफिस स्पेस या कैंप ऑफिस की सुविधा दी गई ?
क्या संसदीय सचिवों को फोन और ट्रांसपोर्ट की सुविधा दी गई ?
क्या संसदीय सचिवों को गाड़ी और ड्राइवर उपलब्ध करवाया गया ?
क्या संसदीय सचिवों को किसी तरह का यात्रा भत्ता दिया गया ?
क्या संसदीय सचिवों को कोई सपोर्टिंग स्टाफ मुहैया करवाया गया ?

आप ने भी दिखाए तेवर

इधर 21 विधायकों की सदस्यता पर लटकी तलवार को लेकर आम आदमी पार्टी दूसरे राज्यों में बने संसदीय सचिव का मुद्दा उठाकर हमले के मूड में आ गई है। पार्टी की पंजाब यूनिट ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि पंजाब सरकार में 24 संसदीय सचिवों की नियुक्ति संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। वहीं पार्टी ने हिमाचल प्रदेश के 9 संसदीय सचिवों की भी शिकायत की है। बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी की रणनीति जल्द ही गुजरात, हरियाणा समेत बाकी राज्यों में संसदीय सचिवों की नियुक्ति का मुद्दा चुनाव आयोग और राष्ट्रपति के पास उठाने वाली है।

21 विधायकों ने सौंपे चुनाव आयोग को जवाब

इससे पहले संसदीय सचिव बनाए गए आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों ने आठ हजार पन्नों में अपना जवाब चुनाव आयोग को दे दिए हैं। साथ ही आयोग के सामने पसर्नली अलग-अलग पेश होकर अपनी बात रखने की अपील की थी जिसके बाद चुनाव आयोग ने 14 जुलाई से बारी-बारी से सभी विधायकों को सुनवाई का वक्त दिया है...लेकिन इससे पहले इलैक्शन कमीशन... केजरीवाल सरकार का ऑफिशियल स्टैंड जानना चाहता है जिससे फैसले के बाद किसी तरह के विवाद की गुंजाइश नहीं रहे।

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