Friday, March 29, 2024
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हाई कोर्ट ने जाट आरक्षण पर रोक को रखा बरक़रार, कमीशन तय करेगा आरक्षण प्रतिशत

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने जाट आरक्षण पर रोक को बरकरार रखा है। कोर्ट ने आज कहा है कि पिछड़े वर्ग में जाटों और अन्य 6 जातियों को कितने प्रतिशत आरक्षण देना है ये सरकार की तरफ से बनाया गया कमीशन तय करेगा।

India TV News Desk Written by: India TV News Desk
Updated on: September 01, 2017 15:31 IST
punjab and haryana court- India TV Hindi
punjab and haryana court

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने जाट आरक्षण पर रोक को बरकरार रखा है। कोर्ट ने आज कहा है कि पिछड़े वर्ग में जाटों और अन्य 6 जातियों को कितने प्रतिशत आरक्षण देना है ये सरकार की तरफ से बनाया गया कमीशन तय करेगा। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि राज्य सरकार को आरक्षण देने का अधिकार है लेकिन आरक्षण कितने प्रतिशत होना चाहिए यह कमीशन तय करेगा। ये फ़ैसला जस्टिस एसएस सारों, जस्टिस लीजा गिल की खंडपीठ ने सुनाया।

​कोर्ट ने 6 मार्च को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। कोर्ट में जाटों और अन्य समुदायों को हरियाणा में 10 प्रतिशत आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हो रही थी। 

याचिका पक्ष की तरफ से हाईकोर्ट में हरियाणा शिक्षा विभाग के आंकड़े कोर्ट में पेश करते हुए कहा गया था कि अलग अलग पदों पर जाटों का प्रतिनिधित्व 30 से 56 प्रतिशत है जबकि हरियाणा सरकार की दलील थी कि ये आंकड़े गलत हैं। उसका कहना है कि जाति के आधार पर कोई आंकड़े हैं ही नहीं और याचिकाकर्ता ने यह डाटा खुद ही तैयार किया है लेकिन खंडपीठ ने इस पर कहा कि यह संभव नहीं है कि इतने बड़े स्तर पर आंकड़े खुद तैयार किए जाएं। सरकार के पास यह आंकड़े जरूर होंगे।

बता दें कि पिछले साल जाट आंदोलन के दौरान प्रदेश में भयंकर हिंसा हुई थी। इस आंदोलन में तीस लोगों की मौत हो गई थी। इतना ही नहीं जाटों की तरफ से विरोध-प्रदर्शनों के दौरान कई जगहों पर आगजनी की गई थी जिसमें अरबों रुपए की संपत्ति को बड़ा नुकसान पहुंचा था। अभी हाल ही में राम रहीम की गिरफ़्तारी के बाद भी राज्य में हिंसा हुई थी और इसे लेकर मुख्यमंत्री खट्टर की आज तक आलोचना हो रही है। ऐसे में खट्टर के लिए एक बार फिर इम्तहान की घड़ी आ गई है।

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