Thursday, April 25, 2024
Advertisement

मध्य प्रदेश: कर्नाटक में जीत से जोश में है कांग्रेस, सत्ता में आने की उम्मीद जगी

मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरने से पहले कांग्रेस उन सारे दांवपेंच का पूर्वाभ्यास कर रही है, जिनके बल पर वह भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला कर सके...

IANS Reported by: IANS
Updated on: May 20, 2018 13:00 IST
Congress hopes better results in Madhya Pradesh Elections after success in Karnataka | PTI- India TV Hindi
Congress hopes better results in Madhya Pradesh Elections after success in Karnataka | PTI

भोपाल: मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरने से पहले कांग्रेस उन सारे दांवपेंच का पूर्वाभ्यास कर रही है, जिनके बल पर वह भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला कर सके। इसी बीच कर्नाटक में भाजपा को बहुमत हासिल करने में मिली नाकामी ने राज्य की कांग्रेस में नई ऊर्जा का संचार करने के साथ सत्ता में आने की आस भी जगा दी है। राज्य विधानसभा की वर्तमान स्थिति में कांग्रेस भाजपा से बहुत पीछे है। विधानसभा में कुल 230 विधायकों की संख्या है, जिसमें भाजपा के 165 विधायक है, वहीं कांग्रेस के सिर्फ 57 विधायक हैं। वहीं 29 सांसदों में कांग्रेस के सिर्फ 3 और भाजपा के 26 सांसद हैं। इन हालात में वर्तमान भाजपा की सरकार के खिलाफ पनप रहे असंतोष को कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों में भुनाने की जुगत में है।

राजनीतिक विश्लेषक साजी थॉमस कहते हैं, ‘राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में अभी लगभग 5 माह से ज्यादा का वक्त है, भाजपा लगातार 3 चुनाव से जीत रही है, फिलहाल राज्य में किसी के पक्ष अथवा विपक्ष में कोई हवा नहीं है, इतना जरूर है कि वर्तमान सरकार के कुछ फैसलों से लोगों में नाराजगी है। कांग्रेस के लिए यही सबसे बड़ा आधार है, जिसके बल पर वह चुनाव जीतने का मंसूबा पाल सकती है।’ उन्होंने कहा कि इसी बीच कर्नाटक में भाजपा की सारी कोशिशें धरी रह जाने से कांग्रेस उत्साहित है, वहीं भाजपा में थोड़ी मायूसी है। कांग्रेस में उत्साह और भाजपा की मायूसी कितने दिन और कब तक रहती है, यह आगामी दिनों पर निर्भर है।


कर्नाटक में भाजपा को शपथ ग्रहण के बाद मिली शिकस्त का अंदाजा राज्य की प्रचार अभियान समिति के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्वीट से ही लगाया जा सकता है। उन्होंने ट्वीट किया है, ‘बहुमत नहीं होने के बावजूद सत्ता का दुरुपयोग कर सरकार बनाने जा रही भाजपा को कर्नाटक में मुंह की खानी पड़ी है। आज लोकतंत्र की विजय हुई है जो आने वाले समय के लिए शुभ संकेत है। सत्यमेव जयते।’ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि कर्नाटक में लोकतंत्र की विजय हुई है। भाजपा के पास धन-बल, सत्ता-बल सब कुछ होने के बावजूद भी हार हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपाध्यक्ष अमित शाह ने राज्यपाल पद का दलगत हितों के लिए उपयोग कर कर्नाटक में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, इसके लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए।

वहीं, भाजपा के मीडिया प्रमुख लोकेंद्र पराशर का कहना है, ‘कर्नाटक में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी थी, संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक उसे सरकार बनाने का मौका दिया गया, बहुमत नहीं था तो मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वास्तव में कांग्रेस हताशा के दौर से गुजर रही है, और उसका लक्ष्य सिर्फ भाजपा को रोकना है। कर्नाटक के घटनाक्रम का मध्यप्रदेश की राजनीति पर किसी तरह का असर नहीं होने वाला, भाजपा फिर सत्ता में आएगी।’ राजनीति के जानकारों की मानें तो कर्नाटक में भाजपा अगर बहुमत साबित करने में सफल हो जाती, तो यह मान लिया जाता कि मोदी-शाह की जोड़ी कुछ भी कर सकती है। इसका असर मध्य प्रदेश सहित छत्तीसगढ़ व राजस्थान के चुनावों पर पड़ सकता था, मगर अब ऐसा नहीं रहा। कांग्रेस ने कर्नाटक के मामले को शीर्ष अदालत में ले जाकर जो सक्रियता दिखाई, उससे लगता है कि अगर पार्टी इसी तरह आक्रामक रही, तो आगामी 3 राज्यों के विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं रहने वाले।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement