Tuesday, April 23, 2024
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बंगाल: CPM को नहीं मिल रहे पंचायल चुनाव में उम्मीदवार, विकल्प बनने में BJP से पिछड़ी पार्टी

कई स्थान ऐसे है जहां हमें उम्मीदवारों को तलाशने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 29, 2018 17:24 IST
रैली निकालते सीपीएम...- India TV Hindi
रैली निकालते सीपीएम नेता।

कोलकाता: बंगाल की राजनीति में एक समय जबर्दस्त दबदबा कायम रखने वाली माकपा अब सिर्फ अपने अतीत की परछाई बन गई है क्योंकि इस राज्य में मुख्य विपक्ष के रूप में तेजी से अपनी जगह बना रही भाजपा के सामने उसे अपनी जमीन बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। माकपा के नेतृत्व वाले वाममोर्चा को पंचायती राज व्यवस्था के मुख्य शिल्पकार के रूप में जाना जाता है ।  ऐसा भी समय था जब राज्य की ज्यादातर जिला परिषदों में वाममोर्चा को जीत हासिल होती थी। लेकिन इस बार कई सीटों पर नामांकन दाखिल करने के लिए उसे उम्मीदवारों को तलाशने में संघर्ष करना पड़ रहा है। माकपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम जाहिर न करने के अनुरोध पर बताया ,‘‘ यह सच है कि ज्यादातर स्थानों पर हम नामांकन दाखिल करने में समर्थ नहीं थे। इसका एक कारण तो तृणमूल कांग्रेस की हिंसा है लेकिन कई स्थान ऐसे है जहां हमें उम्मीदवारों को तलाशने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। ’’ पंचायत चुनावों के लिए विभिन्न पार्टियों द्वारा दाखिल नामांकन सूची के अनुसार पंचायत चुनावों के सभी तीनों खंडों ग्राम पंचायत , पंचायत समिति और जिला परिषद में तृणमूल कांग्रेस अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे है। 

माकपा के पोलितब्यूरो सदस्य और सांसद मोहम्मद सलीम ने कहा कि पार्टी उम्मीदवारों की संख्या को केवल नामांकन दाखिल करने के परिप्रेक्ष्य में ही नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि माकपा एक वाममोर्चा घटक के रूप में लड़ रही है और कई सीटों पर उसने धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन दिया है। माकपा के एक वरिष्ठ नेता ने पीटीआई - भाषा से कहा ,‘‘ हमने अपना जनाधार खो दिया है , हमारा वोट शेयर कम हो गया है , लेकिन इसे ठीक करने के बजाय हम दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं। इससे पहले कि, देर हो जाये हमे सबक सीखना चाहिए। समय बीतता जा रहा है। ’’ 3,358 ग्राम पंचायतों की 48,650 सीटों , 341 पंचायत समितियों की 9,217 सीटों और 20 जिला परिषदों की 825 सीटों पर एक ही चरण में 14 मई को चुनाव होगा। 

नामांकन पत्रों की जांच के बाद जिला परिषदों के लिए तृणमूल ने एक हजार नामांकन दाखिल किये। इसके बाद भाजपा ने 782 नामांकन दाखिल लिये। माकपा और कांग्रेस ने क्रमश : 537 और 407 नामांकन दाखिल किये। नामांकन पत्रों की जांच के बाद पंचायत समितियों के लिए तृणमूल कांग्रेस के 12,590 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किये हैं। इसके बाद भाजपा ने 6,149 नामांकन जबकि माकपा और कांग्रेस ने क्रमश : 4,400 और 1,740 नामांकन दाखिल किये। ग्राम पंचायतों के मामले में भी यही तस्वीर है। तृणमूल ने 58,978 नामांकन , भाजपा ने 27,935, माकपा ने 17,319 और कांग्रेस ने 7,313 नामांकन दाखिल किये। 

भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि इन आंकड़ों से खुद ही पता चलता है कि भाजपा राज्य में तृणमूल कांग्रेस के कुशासन के एक विकल्प के रूप में उभरी है। 

तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि पार्टी भाजपा के उभरने के बारे में चिंतित नहीं है और यह वामपंथी दलों को तय करना है कि वे भाजपा से मुकाबला करने के बारे में गंभीर हैं या नहीं। 

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