Friday, April 19, 2024
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प्रधानमंत्री के रूप में कोई भी नरेंद्र मोदी से बेहतर होगा: चंद्रबाबू नायडू

चंद्रबाबू नायडू ने कहा, "मोदी के अंतर्गत विकास नहीं है, स्वतंत्रता नहीं है, खुशी नहीं है। मोदी के नकारात्मक रवैये ने आर्थिक और समाजिक मोर्चे पर समस्या खड़ी की है।"

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 29, 2018 19:19 IST
rahul gandhi and chandrababu naidu- India TV Hindi
rahul gandhi and chandrababu naidu

हैदराबाद: देश में 'आर्थिक ठहराव और सामाजिक अशांति' के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (TDP) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में कोई भी मोदी से बेहतर होगा। गैर-भाजपा दलों का मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहे तेदेपा प्रमुख ने कहा कि मोदी के 'नकारात्मक रवैये' ने 'आर्थिक और समाजिक मोर्चे पर समस्या खड़ी की है।'

नायडू ने यहां पत्रकारों के एक समूह से संवाद के दौरान कहा, "मोदी के अंतर्गत विकास नहीं है, स्वतंत्रता नहीं है, खुशी नहीं है।" भाजपानीत राजग से मार्च में अपनी पार्टी को अलग करने वाले नायडू ने याद दिलाया कि जब उनकी पार्टी वाजपेयी सरकार का समर्थन कर रही थी, तब गोधरा दंगों के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी से इस्तीफा मांगने वाले वह सबसे पहले व्यक्ति थे। नायडू ने कहा, "ये सब चीजें शायद मोदी के दिमाग में होंगी लेकिन मैंने सोचा वह बदल गए हैं। वास्तव में हर किसी ने सोचा कि वह बदल गए हैं और इसीलिए भाजपा को 2014 में प्रचंड बहुमत मिला लेकिन उन्होंने इसका दुरुपयोग किया।"

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी न केवल आंध्र प्रदेश से किए वादे को निभाने में विफल रहे बल्कि उन्होंने सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग को अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भी कोई विकास दर नहीं है और दावा किया कि गठबंधन सरकारों ने इससे पहले बहुत ही अच्छा काम किया था। उन्होंने कहा, "कोई भी टेलीफोन तक पर भी खुल कर बात नहीं कर सकता। मैंने कभी भी अपने जीवन में इस तरह की समस्या का सामना नहीं किया था।" उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह के दबाव पर मीडिया के बीच से, राजनेता और यहां तक कि कॉर्पोरेट सेक्टर से भी आवाज नहीं उठाता।

नायडू ने कहा कि राजनीति में वरिष्ठ होने और नेशनल फ्रंट और युनाइटेड फ्रंट में पहले काम करने के नाते उन्होंने पहल करने और 'देश व लोकतंत्र को बचाने' के लिए गैर भाजपा पार्टियों को एकसाथ लाने का निर्णय किया। नायडू ने कहा कि तेदेपा ने 37 वर्षो तक कांग्रेस के विरुद्ध लड़ाई लड़ी थी लेकिन उनका मतभेद राजनीति को लेकर था, न कि विचारधारा को लेकर। उन्होंने कहा, "शुरुआत से ही भाजपा से हम विचारधारा के स्तर पर अलग थे लेकिन हम राजनीतिक रूप से सामंजस्य बिठाने की कोशिश करते थे। लेकिन, हमने कभी भी विचारधार के स्तर पर समझौता नहीं किया।"

नायडू ने कहा कि बिना कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय स्तर पर कोई भी मोर्चा संभव नहीं है। तेदेपा प्रमुख ने कहा कि 10 दिसंबर को गैर-भाजपा दलों की बैठक में भविष्य की योजना पर चर्चा की जाएगी। नायडू ने कहा कि वह समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती के संपर्क में हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि मायावती पांच राज्यों के चुनाव के बाद निर्णय लेंगी। नायडू ने यह नहीं बताया कि वह ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के संपर्क में हैं या नहीं।

उन्होंने दोहराया कि वह प्रधानमंत्री पद की रेस में नहीं हैं और कहा कि प्रधानमंत्री उम्मीदवार के बारे में चुनाव के बाद फैसला किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "हमारे पास कई ऐसा नेता हैं जो कुशल और सक्षम प्रशासक हैं।"

जब एक संवाददाता ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री कांग्रेस पार्टी या किसी क्षेत्रीय पार्टी का होगा, तो उन्होंने कहा, "आप भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि मोदी विरोधी और अमित शाह विरोधी हवा बन रही है और राजग को 2019 के आम चुनाव में हार मिलेगी।

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