Saturday, April 27, 2024
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राहुल गांधी ने HAL को बताया मॉडर्न इंडिया का मंदिर, राफेल सौदे को लेकर भाजपा पर किया हमला

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ अपना हमला तेज करते हुए एयरोस्पेस क्षेत्र की सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को नष्ट करने का शनिवार को आरोप लगाया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 13, 2018 20:51 IST
'Can't allow temples of modern India being destroyed': Rahul Gandhi at meeting with HAL workers- India TV Hindi
Image Source : PTI 'Can't allow temples of modern India being destroyed': Rahul Gandhi at meeting with HAL workers

बेंगलुरू: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ अपना हमला तेज करते हुए एयरोस्पेस क्षेत्र की सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को नष्ट करने का शनिवार को आरोप लगाया। उन्होंने एचएएल के कर्मचारियों से कहा कि राफेल उनका अधिकार है। राहुल ने एचएएल को एक ‘‘सामरिक संपत्ति’’ बताया और कहा कि देश उसका कर्जदार है। कांग्रेस अध्यक्ष ने एचएएल के मौजूदा एवं पूर्व कर्मचारियों से बातचीत की और आरोप लगाया कि आधुनिक भारत के संस्थानों पर हमला किया जा रहा और उन्हें नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसा करने की इजाजत नहीं दे सकते।’’

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राहुल ने कहा कि राफेल आपका अधिकार है, आप 78 साल पुरानी एक कंपनी हैं। राहुल ने सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी के मौजूदा एवं पूर्व कर्मचारियों से बातचीत के बाद एचएएल मुख्यालय के पास मिंस्क स्कवायर में एक कार्यक्रम में कहा कि आपके पास विमान बनाने का अनुभव है। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए यह कहना पूरी तरह से हास्यास्पद है कि एचएएल के पास जरूरी अनुभव नहीं है। राहुल ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि वह इसे गहराई से समझते हैं कि वे लोग मर्माहत हैं और यह उनके लिए किसी भ्रष्टाचार या किसी अन्य चीज की तरह ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अपने प्राण न्यौछावर किये हैं, जो लोग इस देश के लिए खड़े रहे, वे भावनात्मक रूप से परेशान महसूस कर रहे हैं क्योंकि उनका अपमान किया गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मैं समझता हूं कि आपको तकलीफ पहुंची है और मैं आपकी अहसजता की इस स्थिति में आपके साथ खड़ा होना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने बातचीत की, उनमें से ज्यादातर की यह शिकायत है कि एचएएल के पास राफेल बनाने की क्षमता है लेकिन रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनी को नष्ट करने की कोशिश की जा रही और इसके कर्मचारी आहत एवं निराश महसूस कर रहे हैं। राहुल ने कहा कि एचएएल ने देश के लिए शानदार काम किया है और हमारी हिफाजत करने तथा एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण देने के लिए देश इसका कर्जदार है। उन्होंने कहा कि एचएएल एयरोस्पेस के क्षेत्र में एक सामरिक संपत्ति है और यह कोई साधारण कंपनी नहीं है। 

कार्यक्रम के बाद राहुल ने संवाददाताओं से कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण एचएएल के पास अनुभव की कमी के बारे में बात करती हैं लेकिन क्या उन्होंने अनिल अंबानी के अनुभव के अभाव के बारे में कुछ कहा है, ‘‘जिन्होंने अपने जीवन में कभी एक विमान तक नहीं बनाया है।’’ उन्होंने कहा कि एचएएल का कोई कर्ज नहीं है जबकि उन पर (अनिल अंबानी) 45,000 करोड़ रूपये का कर्ज है। एचएएल 78 साल से काम कर रही है। वहीं, उनकी (अनिल अंबानी की) कंपनी 12 दिन पुरानी है। इसलिए उन्होंने (सीतारमण) ने उस व्यक्ति के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की जिसे अनुबंध मिला है। उन्हें एचएएल के अनुभव के बारे में बोलना होगा।’’ राहुल ने यह जानना चाहा कि इन विमानों का आर्डर एचएएल से क्यों छीन लिया गया जबकि इसके पास हर अनुभव था। उन्होंने पूछा, ‘‘उसे काम क्यों नहीं दिया गया ? अनिल अंबानी द्वारा एचएएल को क्यों नष्ट कराया जा रहा है...।’’ 

उन्होंने कहा कि कर्मचारी इस बात को लेकर आहत महसूस कर रहे हैं कि 78 साल की उनकी कड़ी मेहनत, देशभक्ति के बावजूद उन्हें अपमानित किया गया। राहुल ने कहा कि इसलिए पहली चीज यह है कि वे एचएएल को अपमानित करने को लेकर रक्षा मंत्री द्वारा माफी मांगे जाने की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि हम समझते हैं कि रक्षा मंत्री माफी मांगने नहीं जा रही हैं। उन्होंने कहा कि एचएएल भारत के आधुनिक संस्थानों में एक है और इसे भ्रष्टाचार के लिए नष्ट किया जा रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनिल अंबानी की मदद कर रहे हैं। उन्होंने एचएएल में हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि हर एक व्यक्ति ने यह स्पष्ट रूप से कहा है कि उनके पास अनुभव है। उनके पास समझ है और मि. अनिल अंबानी के पास इसकी समझ नहीं है। उन्होंने कहा कि हम यहां उन लोगों की हिफाजत करने के लिए हैं जो राष्ट्र की रक्षा कर रहे हैं। सरकार से हमे एचएएल को बचाना होगा।

गौरतलब है कि राहुल की बातचीत से पहले एचएएल ने शुक्रवार को अपने कर्मचारियों को उनके दायित्वों की याद दिलाते हुए एक आंतरिक संदेश जारी किया था। वहीं, एचएएल कर्मचारी संघ ने कहा कि कर्मचारियों से बातचीत की इजाजत मांगी गई थी लेकिन उन्होंने हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया क्योंकि उनका संगठन गैरराजनीतिक है। कर्मचारी संघ के महासचिव एस चंद्रशेखर ने कहा कि उन्हें कांग्रेस कार्यालय से एक पत्र मिला, लेकिन हम सरकारी कर्मचारी होने के चलते एक राजनीतिक दल के साथ नहीं जा सकते। हमारा संगठन एक स्वतंत्र संगठन है। हम किसी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं हैं। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस प्रमुख दिनेश गुंडु राव ने कहा कि चर्चा का आयोजन कांग्रेस ने नहीं किया था बल्कि कुछ पूर्व कर्मचारियों सहित कुछ लोगों ने किया था जो एचएएल को नाम को नष्ट करने के सरकार के कदम से दुखी हैं। 

बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे, एम वीरप्पा मोइली, उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और कांग्रेस प्रवक्ता जयपाल रेड्डी भी उपस्थित थे। राहुल ने राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार पर किए जा रहे अपने हमले के तहत यह बातचीत की। उन्होंने आरोप लगाया कि फ्रांसीसी एरोस्पेस कंपनी दसाल्ट एवियेशन के साथ हुए इस सौदे में अनिल अंबानी की कंपनी को प्राथमिकता देकर एचएएल की अनदेखी की गई। गौरतलब है कि विपक्षी पार्टी सरकार पर इस सौदे से अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस इस बारे में भी जवाब मांग रही है कि सरकारी कंपनी एचएएल को इस सौदे में शामिल क्यों नहीं किया गया, जैसा कि संप्रग सरकार के दौरान सौदे को अंतिम रूप दिए जाने के दौरान था। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एचएएल को अनुबंध नहीं देकर कर्नाटक के लोगों से रोजगार छीनने का आरोप लगाया है। साथ ही, राहुल यह कहते आ रहे हैं कि रिलायंस डिफेंस की जगह एचएएल को चुने जाने से राज्य में काफी संख्या में युवाओं को रोजगार मिलता। 

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