देहरादून: उत्तराखंड में 4 साल पुरानी कांग्रेस सरकार आज रात संकट में घिर गयी। उसके नौ विधायकों ने बगावत का झंडा बुलंद करते हुए सरकार गठन का दावा पेश करने वाली भाजपा का समर्थन किया है। पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद भगत सिंह कोशियारी के नेतृत्व में भाजपा का एक तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल के के पाल से मिला और कहा कि हरीश रावत सरकार अल्पमत में आ गयी है और इसे बर्खास्त किया जाए। प्रतिनिधिमंडल में उत्तराखंड मामलों के भाजपा प्रभारी श्याम जाजू और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल थे।
राजभवन के सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने कांग्रेस के बागी विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया है। सत्तर-सदस्यीय राज्य विधानसभा में उस समय असमंजस की स्थिति पैदा हो गयी जब पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और कृषि मंत्री हरक सिंह रावत सात अन्य कांग्रेस सदस्यों के साथ विपक्षी भाजपा के साथ सुर में सुर मिलाते हुए बजट पारित कराने के लिये मत विभाजन की मांग करते हुए उनके साथ सदन में धरने पर बैठ गए।
हालांकि, अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने सदस्यों की मत विभाजन की मांग को अस्वीकार कर दिया और ध्वनिमत से बजट के पारित होने की घोषणा करते हुए सदन की कार्यवाही 28 मार्च तक के लिये स्थगित कर दी। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट और हरक सिंह रावत ने बाद में मीडिया से बातचीत में कहा कि वे लोग राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात करेंगे और उन्हें हरीश रावत सरकार के अल्पमत में आने की जानकारी देंगे।