लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लखनऊ गए ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी को आज विरोध का सामना करना पड़ा। ओवैसी एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लखनऊ गए थे जहां उन्हें काले झंडे दिखाए गए। ओवैसी ने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर काले झंडे दिखाने का आरोप लगाया है।
ओवैसी ने यहां अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा और सपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और वर्ष 2017 के चुनाव में उनकी पार्टी का मुकाबला इन्हीं दो पार्टियों से होगा। इस माह के शुरू में लखनउ में अपनी रैली के आयोजन पर जिला प्रशासन द्वारा रोक लगाये जाने का जिक्र करते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा (संघ प्रमुख) मोहन भागवत को छूट है लेकिन हम पर पाबंदी लगायी जा रही है। दरअसल सपा सरकार हमसे डरी हुई है।
ओवैसी ने कहा कि युवाओं का उत्साह देखकर वह कह सकते हैं कि विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी की जीत होगी। नारेबाजी पर शोर के बीच उन्होंने कहा, 'हमारा नारा जय मीम और जय भीम है।'
गौरतलब है कि इस महीने के शुरू में ओवैसी को उत्तर प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर राजधानी लखनऊ के साथ-साथ फैजाबाद, आजमगढ़ और अम्बेडकरनगर जाना था। उन्हें लखनउ में एक रैली को भी संबोधित करना था लेकिन कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए जिला प्रशासन ने इसकी अनुमति देने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद ओवैसी ने अपना पूरा दौरा ही रद्द कर दिया था।
ओवैसी ने आरोप लगाया कि मुजफ्फरनगर दंगों के लिये सपा और भाजपा पूरी तरह जिम्मेदार हैं मगर उसकी जांच रिपोर्ट में जिम्मेदारों को क्लीनचिट दे दी गयी है। भारत माता की जय बोलने पर हाल में अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचना का निशाना बने ओवैसी ने कहा कि उन्हें किसी से देशभक्ति के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। मुसलमानों ने देश के लिये बड़ी कुरबानी दी है और सिर्फ एक जयकारे के लिये उनकी देशभक्ति पर सवाल नहीं उठाया जा सकता।