Friday, April 26, 2024
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अजित पवार फिर चुने गए NCP विधायक दल के नेता

महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार बुधवार को यहां राकांपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में आमराय से पार्टी के विधायक दल का फिर से नेता चुन लिये गये।

Bhasha Written by: Bhasha
Published on: October 30, 2019 22:20 IST
अजित पवार फिर चुने गए NCP विधायक दल के नेता- India TV Hindi
अजित पवार फिर चुने गए NCP विधायक दल के नेता

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार बुधवार को यहां राकांपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में आमराय से पार्टी के विधायक दल का फिर से नेता चुन लिये गये। बैठक में पार्टी अध्यक्ष शरद पवार, प्रदेश इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल, वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल और सांसद सुप्रिया सुले, सुनील तटकरे, अमोल कोल्हे और श्रीनिवास पाटिल शरीक हुए। 

जयंत पाटिल ने बताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नव निर्वाचित विधायकों ने अजीत पवार को आमराय से विधायक दल का नेता चुना है। पार्टी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत हालिया महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में रिकार्ड 1,65,265 वोटों के अंतर से बारामती सीट से जीते हैं। वह इस सीट का पहले से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में राकांपा के सबसे बड़े विपक्षी दल के तौर पर चुनाव में उभरने के बाद पार्टी विधानसभा में विपक्ष के नेता पद की वास्तविक दावेदार है। 

दिलचस्प है कि अजीत ने 21 अक्टूबर के विधानसभा चुनाव से पहले विधायक के तौर पर इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने उस वक्त कहा था कि वह आहत हैं क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र सहकारी बैंक से जुड़े कथित घोटाले में उनके चाचा के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है। अजीत खुद भी इस मामले में आरोपी हैं। पाटिल ने विधानसभा के नेता पद के लिये अजीत के नाम का प्रस्ताव किया। इसका विधायक नवाब मलिक, जितेंद्र अवहाड, धनंजय मुंडे और हासन मुशरिफ ने समर्थन किया। 

अजीत ने पार्टी विधायकों का शुक्रिया अदा किया और उन्हें भरोसा दिलाया कि वह बेरोजगारी और कृषि संकट जैसे मुद्दों पर आक्रामक रहेंगे। राज्य में 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में राकांपा को 54 सीटें मिली हैं। पाटिल ने विदर्भ क्षेत्र में पार्टी के सात सीटें जीतने पर संतोष प्रकट किया। चुनाव में विदर्भ में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। पाटिल ने कहा, ‘‘विदर्भ में राकांपा का आधार विस्तार करने की जरूरत है। अगली बार हम वहां 17-18 सीटें जीत सकते हैं। 

पार्टी के नेता ने कहा कि शहरी इलाकों में आधार बढ़ाने के लिये कड़ी मेहनत की जाएगी। विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा की सीटों की संख्या 2014 के 122 से घट कर 105 पर आ गई। उसकी सहयोगी शिवसेना 56 पर रूक गई और उसे सात सीटों का नुकसान हुआ। वहीं, राकांपा की सहयोगी एवं गठबंधन साझेदार कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में प्राप्त 42 सीटों से अपने प्रदर्शन में मामूली सुधार करते हुए 44 सीटों पर जीत दर्ज की।

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