Thursday, March 28, 2024
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हर चुनाव से पहले BJP को राम मंदिर की याद आती है: अभिषेक मनु सिंघवी

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हर चार साल बाद, चुनाव से पहले भाजपा को राम मंदिर की याद आती है तथा केन्द्र और उत्तरप्रदेश की सरकार ने चुनाव से पहले इस विषय में कुछ नहीं किया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 11, 2018 17:47 IST
अभिषेक मनु सिंघवी- India TV Hindi
अभिषेक मनु सिंघवी

जयपुर: कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हर चार साल बाद, चुनाव से पहले भाजपा को राम मंदिर की याद आती है तथा केन्द्र और उत्तरप्रदेश की सरकार ने चुनाव से पहले इस विषय में कुछ नहीं किया। सिंघवी ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राम मंदिर का मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है और ऐसे में चुनाव से पहले अचानक अध्यादेश :आर्डिनेंस: की बात करना अस्थितरता पैदा करने और सिर्फ सस्ती राजनीति के लिये भगवान राम का अपमान करने की प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि साढे़ चार साल तक अध्यादेश लाने में क्या कोई प्रतिबंध था? अचानक अध्यादेश की याद सरकार को कैसे आई। ‘‘यह सब राजनैतिक हथकंडे हैं, बरगलाने की और राजनीतिक रोटियांपकाने की प्रक्रिया है।’’

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उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की उपलब्धियों में सबसे ऊपर है संस्थाओं को कैसे तोड़ना और कैसे खत्म करना है। जो हश्र सीबीआई और आरबीआई का हुआ है वह 70 साल में नहीं देखा। आरबीआई के 80 प्रतिशत सुझावों के विरूद्व नोटबंदी की गई। सिंघवी ने आरोप लगाया कि इस सरकार में संस्थाओं के प्रति न कोई आदर है न गरिमा का भाव है। उन्होंने कहा कि आगामी दो दिन बाद आरबीआई की होने वाली महत्वपूर्ण बैठक आरबीआई की संस्थापक मजबूती की कसौटी और मापदंड होगी। सिंघवी ने विश्वास व्यक्त किया कि कानून द्वारा बाई गई संस्थाओं पर सरकार का प्रहार का प्रयास असफल होगा।

नोटबंदी के दो वर्ष पूर्ण होने पर केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नोटबंदी की उपलब्धियों का बखान करते हुए कैशलेस इकानोमी बढ़ने, आमजन को फायदा होने कालाधन कम होने का कथित तौर पर दावा किया था। इस बारे में सिंघवी ने कहा कि पिछली बार केन्द्र और प्रदेश सरकार ने नोटबंदी का जश्न मनाया था लेकिन इस बार भाजपा सरकार खुद जश्न नहीं मना रही तो वह क्यों ऐसा बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आरबीआई के प्रकाशित मिनट्स में 2016 में इन तीनों कारणों का खंडन किया गया है। जहां 100 प्रतिशत से ज्यादा रूपया वापस आया हो तो सफलता कैसे हो सकती है। सिंघवी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की पहचान दुराव, मतभेद, मनभेद, विभाजन लाना है, जबकि कांग्रेस की पहचान समृद्वि, संतुलन, सकारात्मक नीतियों के लिये है। 

सिंघवी ने कहा कि भाजपा के कुशासन से राजस्थान में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। महिला उत्पीड़न के मामले में प्रदेश चौथे स्थान पर, मानव तस्करी में दूसरे स्थान पर, अपहरण और हत्याओं के मामलों में आठवें स्थान पर, साइबर अपराधों के मामलों में चौथे स्थान पर रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही सितम्बर, 2018 तक अपहरण के 26320 मामले दर्ज हुए है जो 15 अपहरण प्रतिदिन का औसत हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी। यह मजबूती सर्वे के आधार पर नहीं बल्कि अंदरूनी जनसंपर्क, जनआक्रोश के आधार पर है। एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी के लिये कांग्रेस 95 प्रतिशत मामलों में पहले से घोषणा नहीं करती है। 

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