Saturday, April 20, 2024
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भविष्य की परिस्थितियों को देखकर महागठबंधन में शामिल होने का फैसला करेगी आप: गोपाल राय

आम आदमी पार्टी (आप) अगले साल प्रस्तावित लोकसभा चुनाव में राजनीतिक हालात की समीक्षा करने के बाद ही विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल होगी। आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने शुक्रवार को बताया कि पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया गया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 28, 2018 21:36 IST
Gopal Rai- India TV Hindi
Gopal Rai

नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) अगले साल प्रस्तावित लोकसभा चुनाव में राजनीतिक हालात की समीक्षा करने के बाद ही विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल होगी। आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने शुक्रवार को बताया कि पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया गया। राय ने बताया कि चुनाव से पहले देश में उभरते राजनीतिक हालात पर नजर रखी जा रही है। आप परिस्थितियों के आधार पर ही महागठबंधन में शामिल होने का फैसला करेगी। उन्होंने बताया कि आप अगले साल प्रस्तावित लोकसभा चुनाव में केन्द्र में भाजपा की अगुवाई वाली मोदी सरकार की कार्यशैली को चुनावी मुद्दा बनाकर उन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी जिन पर भाजपा को हराने में सक्षम हो। 

राय ने कहा कि कार्यकारिणी की बैठक में सभी प्रांतों के प्रतिनिधि सदस्यों का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की कार्यशैली लोकतंत्र को खत्म कर देश को तानाशाही की ओर ले जा रही है और यह प्रवृत्ति खतरनाक है। उन्होंने कहा कि इस प्रवृत्ति से देश को मुक्त कराने के लिये आप आगामी लोकसभा चुनाव को पूरी सामर्थ्य से लड़ेगी। इसके लिये आप उन राज्यों में उन सीटों पर पूरी ताकत से अपने उम्मीदवार उतारेगी, जहां वह भाजपा को हराने में सक्षम हो। इन्हीं सीटों पर पार्टी द्वारा पूरी ऊर्जा केन्द्रित की जायेगी।

विपक्षी दलों के प्रस्तवित महागठबंधन में आप के शामिल होने के सवाल पर राय ने कहा कि यह चुनाव के समय देश की राजनीतिक परिस्थितियों के मुताबिक फैसला किया जायेगा। उन्होंने कहा कि बैठक में किसानों के मुद्दे पर भी चर्चा हुयी। इसमें कार्यकारिणी ने एकमत से स्वीकार किया कि चुनाव से पहले मोदी जी ने देश भर में किसानों की भलाई के लिये बड़े बड़े वादे किये थे। लेकिन भाजपा ने किसानों के साथ धोखा किया और किसानों को पुलिस की गोली मिली। उन्होंने कहा कि सरकार के इस रवैये से नाराज जनता ने तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर कर कांग्रेस को सत्ता सौंपी। लेकिन तीनों राज्यों में किसानों की कर्जमाफी के वादे पर कांग्रेस भी अपने वादे को पूरा करने से पीछे हटती दिख रही है। पूर्ण कर्जमाफी के वादे की पूर्ति में कांग्रेस ने नियमों की आड़ में तीनों राज्यों में कई प्रकार के ‘किंतु परंतु’ लगा दिये हैं। बैठक में इन राज्यों से आये पार्टी के प्रतिनिधियों के हवाले से राय ने बताया कि तीनों राज्यों में किसानों को ऋणमाफी की घोषणा का आंशिक लाभ ही मिल पा रहा है।

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