Thursday, March 28, 2024
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असमान भारत: 'सिर्फ 1% लोगों के पास ही है देश की 22% आय', भारत सर्वाधिक 'असमानता और गरीबी' वाले देशों की सूची में शामिल- रिपोर्ट

देश की आधी आबादी यानी 50 फीसदी लोग सालाना महज 53,610 रुपये ही कमा पाते हैं। जबकि, देश के शीर्ष 10 फीसदी अमीरों की आय देश की कुल आय का 57% है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 08, 2021 11:42 IST
देश में बढ़ी असमानता...- India TV Hindi
Image Source : PTI/ FILE PHOTO देश में बढ़ी असमानता और गरीबी

Highlights

  • सिर्फ 1% लोगों के पास ही है देश की 22% आय- रिपोर्ट
  • देश के शीर्ष 10 फीसदी अमीरों के पास देश की कुल आय का 57%
  • भारत अब दुनिया के सर्वाधिक असमानता वाले देशों की सूची में शामिल

नयी दिल्ली: भारत विविधता वाला ही नहीं बल्कि असमानता वाला देश भी है। इसी हफ्ते जारी 'विश्व असमानता रिपोर्ट 2022'  के मुताबिक भारत में असमानता और अमीरी-गरीबी के बीच की खाई और चौड़ी हो गई है।भारत अब दुनिया के सर्वाधिक असमानता वाले देशों की सूची में शामिल हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2021 में देश की एक फीसदी आबादी के पास राष्ट्रीय आय का 22 फीसदी हिस्सा है जबकि निचले तबके की हिस्सेदारी 13 फीसदी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की वयस्क आबादी की औसत राष्ट्रीय आय 2,04,200 रुपये है जबकि निचले तबके की आबादी (50 फीसदी) की आय 53,610 रुपये है और शीर्ष 10 फीसदी आबादी की आय इससे करीब 20 गुना (11,66,520 रुपये) अधिक है। यानी देश की आधी आबादी यानी 50 फीसदी लोग सालाना महज 53,610 रुपये ही कमा पाते हैं। जबकि, देश के शीर्ष 10 फीसदी अमीरों की आय देश की कुल आय का 57% है।

'विश्व असमानता रिपोर्ट 2022' शीर्षक वाली रिपोर्ट के लेखक लुकास चांसल हैं जो कि 'वर्ल्ड इनइक्यूलैटी लैब' के सह-निदेशक हैं। इस रिपोर्ट को तैयार करने में फ्रांस के अर्थशास्त्री थॉमस पिकेट्टी समेत कई विशेषज्ञों ने सहयोग दिया है। 100 से अधिक अर्थशास्त्रियों ने दुनियाभर के देशों की आर्थिक असमानता का अध्ययन कर ये रिपोर्ट तैयार किया है। 

रिपोर्ट के मुताबिक भारत की शीर्ष 10 फीसदी आबादी के पास कुल राष्ट्रीय आय का 57 फीसदी, जबकि एक फीसदी आबादी के पास 22 फीसदी है। वहीं, नीचे से 50 फीसदी आबादी की इसमें हिससेदारी महज 13 फीसदी है। रिपोर्ट ने बताया है, भारत में औसत घरेलू संपत्ति 9,83,010 रुपये है। इसमें कहा गया है, ‘भारत एक गरीब और काफी असमानता वाला देश है जहां कुलीन वर्ग के लोग भरे पड़े हैं।'

रिपोर्ट ने ये भी बताया है कि 1857-1947 के बीच देश में अत्यधिक असमानता थी। उस वक्त दस फीसदी लोगों का देश की आधी आय पर कब्जा था।

रिपोर्ट में पहली बार लैंगिक आय असमानता का जिक्र किया गया है। महिला श्रम आय को लेकर आंकड़ों के मुताबिक महिला श्रम आय का हिस्सा एशिया में कम है।  भारत में लैंगिक असमानता बहुत अधिक है। साल 1990 में महिलाओं के आय की हिस्सेदारी 10 फीसदी थी, जो बीस सालों में बढ़कर महज 18.3 फीसदी हुआ है। यानी दो दशक में सिर्फ 8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

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