Friday, April 19, 2024
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महिला आयोग की अपील, सभी पार्टियां मिलकर पारित कराएं ट्रिपल तलाक विधेयक

संसद का मॉनसून सत्र आरंभ से होने से कुछ दिनों पहले राष्ट्रीय महिला आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) विरोधी विधेयक को मिलकर पारित कराएं...

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: July 01, 2018 14:02 IST
Representational Image | PTI- India TV Hindi
Representational Image | PTI

नई दिल्ली: संसद का मॉनसून सत्र आरंभ से होने से कुछ दिनों पहले राष्ट्रीय महिला आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) विरोधी विधेयक को मिलकर पारित कराएं। महिला आयोग ने कहा कि एक बार में तीन तलाक कोई राजनीतिक मामला नहीं, बल्कि महिला अधिकारों से जुड़ा मुद्दा है और इसे पारित कराने में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र 18 जुलाई से आरंभ हो रहा है और यह 10 अगस्त तक चलेगा। 

महिला आयोग की कार्यवाहक अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, ‘यह प्रस्तावित कानून किसी पार्टी की राजनीति या वोटबैंक से जुड़ा मामला नहीं है। यह महिलाओं के अधिकारों से जुड़ा मुद्दा है। इस विधेयक को सभी राजनीतिक दलों को मिलकर पारित कराना चाहिए। इसमें कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। यह विधेयक महिलाओं की भलाई के लिए लाया गया है। हमारे पास भी ऐसे मामले आते हैं जिसमें महिला को एक बार में तीन तलाक बोलकर घर से बाहर से निकाल दिया गया होता है। इस पर रोक के लिए कड़े कानून की जरूरत है।’

पिछले साल दिसंबर में शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2017’ को पारित किया गया था, लेकिन कुछ बिंदुओं पर विपक्षी दलों की असहमति के कारण के यह विधेयक राज्यसभा में लंबित पड़ा है। कठुआ, उन्नाव और मंदसौर जैसी बलात्कार की जघन्य घटनाओं के संदर्भ में रेखा ने कहा कि ऐसे मामलों पर सख्त कानून के साथ ही सामाजिक व्यवस्था एवं लोगों की सोच में बदलाव करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार के मामलों में मौत की सजा के प्रावधान वाले अध्यादेश का दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा।

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