Friday, March 29, 2024
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सुप्रीम कोर्ट ने प. बंगाल सरकार से पूछा: 'एक राष्ट्र, एक पहचान में क्या गलत है?'

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की आधार योजना के खिलाफ रुख के लिये पश्चिम बंगाल सरकार से आज सवाल पूछा। कोर्ट ने पूछा कि सभी भारतीयों के लिये एक राष्ट्र, एक पहचान रखने में क्या गलत है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 07, 2018 23:37 IST
supreme court- India TV Hindi
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नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की आधार योजना के खिलाफ रुख के लिये पश्चिम बंगाल सरकार से आज सवाल पूछा। कोर्ट ने पूछा कि सभी भारतीयों के लिये एक राष्ट्र, एक पहचान रखने में क्या गलत है। ममता बनर्जी सरकार ने कल आधार योजना और इसको कानूनी जामा पहनाने वाले 2016 के कानून का विरोध किया था। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि भारतीयता का किसी खास तरह की पहचान से कोई लेना-देना नहीं है। 

राज्य सरकार ने आधार योजना का कुछ खास आधार पर विरोध किया था। उसने कहा था कि यह एक राष्ट्र, एक पहचान की ओर ले जाएगा। पीठ ने कहा, ‘‘हां, हम सब इस देश के नागरिक हैं और भारतीयता का इस तरह की पहचान से कोई लेना-देना नहीं है।’’ पीठ में जस्टिस ए के सीकरी, जस्टिस ए एम खानविल्कर, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण भी शामिल हैं। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से पूछा कि किस बात पर उन्होंने एक राष्ट्र, एक पहचान की अवधारणा के बारे में सोचा। 

सिब्बल ने कहा, ‘‘हम सब गर्व से भारतीय और भाव प्रवणता से भारतीय हैं, लेकिन आधार में सबकुछ गलत है। भारतीयता का पहचान से कोई लेना-देना नहीं है। हम इस बहस में इसलिये पड़ रहे हैं क्योंकि यह कानूनी की बजाय राजनैतिक अधिक है। हम इस आधार से कहीं अधिक हैं। बस।’’वरिष्ठ अधिवक्ता ने अपनी दलीलों को जारी रखते हुए आधार अधिनियम को पढ़ा। उन्होंने कहा कि यह विकल्प के संबंध में गलत तरीके से ड्राफ्ट किया गया कानून है क्योंकि आधार के अतिरिक्त किसी व्यक्ति की पहचान की प्रामाणिकता की कोई गुंजाइश नहीं है। 

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